सोलन: गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 25 दिसंबर को परीक्षा परिणाम घोषित करने के साथ-साथ अभिभावकों के लिए एक विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल अकादमिक रिपोर्ट साझा करना नहीं था, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास और डिजिटल युग की चुनौतियों के प्रति अभिभावकों को जागरूक करना भी था। विद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया कि आज के दौर में बच्चों का मानसिक, सामाजिक और नैतिक विकास उनके परीक्षा परिणामों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम के दौरान सबसे अधिक जोर डिजिटल डिटॉक्स और परिवार के साथ समय बिताने पर दिया गया। विद्यालय प्रबंधन ने अभिभावकों से विशेष आग्रह किया कि वे बच्चों को मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की लत से बचाएं। उन्हें समझाया गया कि बच्चे उपदेश से नहीं, बल्कि अपने माता-पिता के आचरण का अनुसरण करके सीखते हैं। यदि अभिभावक स्वयं मोबाइल का सीमित उपयोग करेंगे और बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएंगे, तो बच्चे स्वाभाविक रूप से गैजेट्स से दूर रहेंगे। अभिभावकों को सलाह दी गई कि वे बच्चों की बातें सुनें, उनके साथ खेलें और संवाद स्थापित करें, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास और भावनात्मक सुरक्षा की भावना मजबूत हो सके।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों ने एक अनूठी पहल करते हुए स्वयं मंच संभाला। शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत नृत्य, नाटक और नृत्य-नाटिका ने कार्यक्रम में समां बांध दिया। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से शिक्षकों ने यह दर्शाया कि किस प्रकार मोबाइल की अधिकता बच्चों को परिवार और समाज से काट रही है और माता-पिता का स्नेह व मार्गदर्शन उन्हें सही दिशा देने में कितना अहम है। यह प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली थी कि इसने वहां मौजूद अभिभावकों को भावुक कर दिया। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने सभी अभिभावकों का आभार व्यक्त किया। अभिभावकों ने विद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षकों के साथ मिलकर काम करने का भरोसा दिलाया।