धर्मशाला: सिक्ख पंत के पांचवे गुरू अर्जुन देव के बलिदान दिवस पर बुधवार को कोतवाली बाजार स्थिति गुरूद्वारा में सिंघ सभा द्वारा एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उद्योग, श्रम एवं रोज़गार मंत्री श्री किशन कपूर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उद्योग मंत्री ने सिक्खों के पांचवे गुरू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरू अर्जुन देव एक महान देशभक्त थे, जिन्होंने मुगल शासकों द्वारा दी गई गंभीर यातनाओं के बावजूद भी कभी अपने राष्ट्र एवं धर्म के साथ समझौता नहीं किया। ऐसे महान महापुरूषों के जीवन से हर व्यक्ति को राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं त्याग की प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्री किशन कपूर ने कहा कि अर्जुन देव ने गुरू ग्रथ साहिब को संकलित एवं लिपिबद्ध करने में सर्वप्रथम अहम भूमिका निभाई थी। जबकि इससे पूर्व गुरूवाणी लिपिबद्ध ने होकर मौखिक रूप से उच्चारण किया जाता था। इसके अतिरिक्त उन्होंने हरमिंदर साहिब अमृतसर की भी नींव रखी थी, जोकि आज विश्व का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी बन चुका है।
उन्होंने बताया कि गुरू गंथ साहिब एक महान ग्रंथ जिसमें अध्यात्मवाद के अलावा नैतिक एवं सामाजिक तत्व भी शामिल हैं, जोकि लोगों को सद्भाव, प्यार, समर्पण, राष्ट्र की एकता और अखण्डता का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है, जिसमें सभी धर्म, विभिन्न भाषाओं, एवं जाति के लोग रहते हैं। उन्होंने कहा कि हर धर्म मनुष्य को मानवता के प्रति सहिष्णुता, प्यार, अध्यात्मवाद, ईमानदारी व समर्पण की भावना, परस्पर सहयोग का संदेश देते हैं तथा मनुष्य को धार्मिक ग्रंथों में दी गई शिक्षाओं तथा मातृभूमि की रक्षा के लिये विभिन्न वीर सपूतों द्वारा दिये गये बलिदान से प्रेरणा लेकर स्वस्थ समाज का निर्माण किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर श्री केसी शर्मा सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक अधिकारी, प्रो. पीएन शर्मा ने गुरू अर्जुन देव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
तत्पश्चात् गुरूद्वारा सिंघ सभा द्वारा मुख्यातिथि एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सरोपा पहनाकर सम्मानित किया गया।