शिमला : 14 सितम्बर पूरे देश भर में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भाषा एवं संस्कृति विभाग प्रदेश में हिंदी भाषा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष भर अनेक हिन्दी भाषी गतिविधियों का आयोजन करवाता है। हिमाचल प्रदेश में हिंदी भाषा के उन्नयन के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हिंदी पखवाड़ा मना रहा है। इसी श्रृंखला में आज गेयटी थियेटर शिमला में राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के लगभग 50 साहित्यकारों ने भाग लिया।
इस अवसर पर ओम प्रकाश शर्मा साहित्यकार द्वारा प्रकाशित पुस्तकों ‘अतीत की यादें’ व ‘जब कभी कभार’ दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
राज्य स्तरीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ. ओ.पी. सारस्वत ने की। कार्यक्रम का मंच संचालन विभाग की उप निदेशक कुसुम संघाईक ने किया। इस समारोह में आमंत्रित कवियों ने मातृभाषा हिन्दी व अन्य समसामयिक विषयों पर अपनी कविताएँ प्रस्तुत की।
शिमला से प्रवीण मुन्गटा ने ‘मां’ शीर्षक पर, हितेन्द्र शर्मा ने ‘हिंदी संवर जाएगी’, त्रिलोक सूर्यवंशी ने ‘चंद्रधर शर्मा गुलेरी उसने कहा’, पर आधारित कविता, सत्या शर्मा वसुंधरा ने ‘आवाज़ ए दिल’, ओम प्रकाश शर्मा ने ‘हिंदी का प्रयोग’, किन्नौर से भारती कौर ने ‘हिमाचल की शान’, सिरमौर से मुकेश कुमार ने ‘यह धर्म के खिलाफ ठीक भी नहीं हो सकता है’, दीप राज ने ‘हिंदी से मेरा प्रेम’, सुरेन्द्र कुमार सूर्या ने ‘विडम्बना’, बिलासपुर की शीला सिंह ने ‘जग में हिंदी श्रेष्ठ है’ हमीरपुर से सुरेन्द्र कुमार ने ‘हमारी हिंदी भाषा’ कुल्लू से ओजस्वनी सचदेवा ने ‘भाषा-भाषा सब जाने’, अनुरंजनी गौतम ने ‘मेरा प्रेम प्रस्ताव हिंदी में’, चम्बा से मोनिका ने ‘हिंदी यूँ कभी-कभी’, ऊना से सुलेखा देवी ने ‘भक्ति मति मीरा बाई’, सोलन से डाॅ. शंकर वासिष्ठ ने ‘हिंदी’, सी. डी. डोगरा ने ‘चारसू कैसी ये हाहाकार है’, मण्डी से रोमिता शर्मा ने ‘उड़ान अपने सच की’ व कांगड़ा से सुमन बाला ने ‘बख्शीश’ पर कविता पाठ किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष व प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ. सारस्वत ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कार्यक्रम में उपस्थित समस्त कवियों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं की सराहना की तथा उपस्थित साहित्यकारों को भविष्य में भी इसी प्रकार सृजनात्मकता के लिए प्रोत्साहित किया। डाॅ॰ सारस्वत ने छन्द का निर्वाह करते हुए भाषा के उपचार से सम्बन्धित बेहतर रचना के सुझाव दिए।
विभाग के निदेशक डाॅ॰ पंकज ललित ने प्रदेश भर से आये सभी विद्वानों से आह्वान किया कि हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना हम सभी का दायित्व है। डाॅ॰ पंकज ललित ने हिन्दी में लेखन के साथ-साथ इसे अधिक से अधिक व्यवहारिक रूप से प्रयोग में लाकर हिन्दी भाषा को और अधिक समृद्ध बनाने पर बल दिया।
डाॅ. पंकज ललित ने बताया कि दिनांक 12 सितम्बर, 2024 को राज्य स्तरीय अंतर विद्यालय भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन व प्रश्नोतरी प्रतियोगिता तथा 13 सितम्बर को राज्य स्तरीय अंतर महाविद्यालय भाषण, कविता वाचन, निबंध व प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन भी गेयटी थियेटर में किया जाएगा। राजभाषा पखवाड़े का समापन व राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह दिनांक 14 सितम्बर, 2024 को गेयटी में आयोजित करवाया जाएगा।
विभाग के संयुक्त निदेशक मंजीत शर्मा ने प्रदेश भर से आए विद्वानों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में विभाग के सहायक निदेशक सुरेश राणा, गेयटी प्रबंधक सुदर्शन शर्मा, जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा, संतोष कुमार व दीपा शर्मा तथा अन्य साहित्यकार भी उपस्थित रहे।