गौ सदनों को मन्दिर ट्रस्ट के साथ जोड़ा जाएगा: उपायुक्त

धर्मशाला: कांगड़ा जिला के सभी गौ सदनों को मन्दिर ट्रस्ट के साथ जोड़ा जाएगा ताकि इन गौ सदनों में लावारिस पशुओं के लिए चारा एवं अन्य बेहतर व्यवस्था की जा सके। यह जानकारी उपायुक्त कांगड़ा, आरएस गुप्ता ने आज यहां ब्लू क्रॉस सोसायटी द्वारा नए गौ सदन बोलने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

उपायुक्त ने बताया कि लावारिस पशुओं की देखभाल के लिए वर्तमान में कांगड़ा जिला में इस समय छ: गौ सदन निजी क्षेत्र में कार्यरत है जिसमें माधव गौ सदन डाह-कलाड़ा तहसील इन्दौरा, राधाकृष्ण गौ सदन धार-बग्गी बैजनाथ, पितर-तर्पण गौ सदन सल्लयाणा, गोकुल गौ सदन कौठार, ग्रामीण गौ सदन लम्बागांव और लक्ष्मी नारायण गौ सदन बनूरी में लावारिस पशुओं के लिए कार्यरत है जिसमें लावारिस पशुओं के ठहरने की व्यवस्था है तथा इन सदनों में अधिकांश गायें हैं।

उन्होंने बताया कि जिला में तीन नए गौ सदन कांगड़ा, धर्मशाला के सराहा एवं जयसिंहपुर के हरसीपतन में खोले जा रहे हैं ताकि जिला के सभी विकास खण्डों में सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं के रखने की उचित व्यवस्था हो सके। उन्होंने ब्लू क्रॉस सोसायटी के पदाधिकारियों को सलाह दी कि वह धर्मशाला के समीप सराहा में गौ सदन खोलने के लिए आगे आयें जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा हर सम्भव सहायता प्रदान की जायेगी और इस गौ सदन को चामुंडा मन्दिर ट्रस्ट के साथ जोड़ा जाएगा।

उन्होंने बताया कि कांगड़ा में सनातन धर्म सभा द्वारा गौ सदन खोलने के लिए सभी औपचारिकतायें पूरी कर ली गई हैं तथा इस गौ सदन को माता ब्रजेश्वरी मन्दिर के साथ जोड़ दिया जायेगा ताकि इन सदनों में पशुओं के लिए चारा एवं अन्य व्यवस्था बेहतर ढंग से की जा सके।

श्री गुप्ता ने बताया कि आयुर्वेद पद्वति में गौमूत्र का विशेष महत्व है और गौमूत्र का अधिकांश उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के निर्मित करने के लिए भी किया जाता है। उन्होनें बताया कि गौ सदन में आय के साधन सृजित करने के लिए प्रातकालीन गौमूत्र को एकत्रित करके विभिन्न आयुर्वेदिक फार्मेसियों में दवा निर्मित करने के लिए दिया जा सकता है

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