ज्वालामुखी: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई पर्यटन योजना- हर गांव की कहानी आरम्भ की गई है, जिसके अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति अपने गांव से सम्बन्धित इतिहास, समृद्घ संस्कृति, एतिहासिक घटनाएं, देवी देवताओं की कथाएं एवं रीतिरिवाजों इत्यादि पर कहानी लिखकर उपायुक्त कांगड़ा को प्रेषित कर सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त कांगड़ा श्री आर.ए.गुप्ता ने आज यहां बताया कि कांगड़ा जिला में ग्रामीण पयर्टन की अपार संम्भावनाएं विद्यमान हैं तथा जिला में अभी तक कई गांव ऐसे हैं, जहां की संस्कृति, प्राचीन धरोहर एवं देवी-देवताओं के प्राचीन मन्दिर इत्यादि विद्यमान हैं, जिसे पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिला में अभी तक कुछ चयनित धार्मिक एवं अन्य पर्यटन स्थल हैं, जिन स्थलों पर केवल पयर्टकों की आवाजाही रहती है। उन्होंने बताया कि पर्यटकों को कांगड़ा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्घ संस्कृति और सभ्यता की जानकारी उपलब्ध करवाने तथा गांव के युवाओं को रोजग़ार के अवसर सृजित करने में यह योजना काफी सार्थक सिद्घ होगी।
उपायुक्त ने बताया कि पर्यटकों का आकर्षण बनाये रखने के लिये गांवों को पर्यटक गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। गांवों में आधार भूत सुविधाएं जुटाने के लिये पर्यटन विभाग के अतिरिक्त गांवों में मनरेगा के तहत पर्यटकों की सहूलियत के लिये रास्तों का सुधार, जलस्त्रोंतों रख रखाव एवं संवर्धन इत्यादि कार्य करवाये जाएंगे। इसके अतिरिक्त अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये पर्यटन विभाग द्वारा और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन की दृष्टि से उपयुक्त गांव को विकसित किया जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों में हर गांव का अपना इतिहास और समृद्घ संस्कृति, रीतिरिवाज़ और रहन-सहन व खान-पान में विविधता है और पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करने से नई अनुभव देखने को मिलेंगे।
उपायुक्त ने जिला के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से आग्रह किया है कि वह अपने गांव से सम्बन्धित पूर्ण जानकारी एक लेख के रूप में भिजवाएं ताकि गांवों में पर्यटन की संम्भावना को देखते हुए सम्बन्धित गांव को विकसित करने के लिये योजना तैयार की जाएगी।
इसके अतिरिक्त जिला में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये सैलानियों के लिये मार्गों के किनारों पर मूल भूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने की भी योजना है ताकि सैलानियों को यात्रा करते समय जलपान, शौचालय इत्यादि की कोई असुविधा न हो |