चंबा: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की उपस्थिति में आज चम्बा में मोबिलिटी क्षेत्र के लिए पायलट हाइड्रोजन परियोजना के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन चम्बा और एनएचपीसी लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।एनएचपीसी के समूह महाप्रबंधक ए.के. पाठक ने एनएचपीसी तथा चम्बा के उपायुक्त ने राज्य सरकार की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत 2070 तक कार्बन न्यूट्रल हो जाएगा और 2030 तक भारत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट उत्पन्न करेगा, जो कुल स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत होगा। एनएचपीसी के सहयोग से राज्य सरकार की यह पहल एक मील का पत्थर साबित होगी।जय राम ठाकुर ने कहा कि हस्ताक्षरित किए गए समझौता ज्ञापन से इस पायलट हाइड्रोजन परियोजना के निष्पादन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 200 एकड़ क्षेत्र में 300 किलोवाट का ग्रिड कनेक्टेड ग्राउंड माउंटेड सोलर पीवी प्लांट स्थापित किया जाएगा और इससे उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग इलेक्ट्रोलाइजर में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोलिसिस प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 20 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न होगा और इसे अनुकूल प्रक्रिया के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक किलोग्राम हाइड्रोजन ईंधन के उत्पादन के लिए 9 से 12 लीटर पानी का उपयोग होगा।
एनएचपीसी के समूह महाप्रबंधक एस.के. संधू ने कहा कि यह परियोजना एनएचपीसी के अध्यक्ष ए.के. सिंह की पहल है, जिसके अन्तर्गत उत्पादित हाइड्रोजन को 20 किलोग्राम क्षमता वाली बस/कार आदि के ईंधन टैंक में संग्रहित किया जाएगा और यह हाइड्रोजन मुख्य ईंजन में लगे हाइड्रोजन ईंधन सैल में जाएगा। इस ऊर्जा का उपयोग चम्बा के स्थानीय क्षेत्र में इस 20 किलोग्राम ईंधन टैंक के साथ लगातार 8 घंटे या 200 किलोमीटर तक बस चलाने के लिए किया जाएगा। एनएचपीसी इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक 32+1 सीटर बस भी उपलब्ध करवाएगी, जो कार्बन का शून्य उत्सर्जन करेगी और क्षेत्र की परिवहन सुविधाओं में सुधार करेगी।विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, सांसद किशन कपूर, मुख्य सचेतक विक्रम जरयाल, विधायक जिया लाल कपूर और पवन नैय्यर, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।