हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश को चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग्स) मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हमीरपुर की धरती से एक निर्णायक जंग का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने यहां एंटी चिट्टा जागरूकता वॉकथॉन का नेतृत्व किया, जो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र) के खेल मैदान से शुरू होकर पुलिस लाइन दोसड़का तक गई। इस दौरान सीएम ने हजारों युवाओं और लोगों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाई।

तस्करों की खैर नहीं: 50 करोड़ की संपत्ति जब्त
जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लड़ाई हिमाचल की अस्मिता और युवाओं के भविष्य को बचाने की है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि पूर्व सरकार ने तीन साल में केवल 13 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी, जबकि मौजूदा सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक ड्रग माफिया की 50 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति जब्त कर ली है।
सूचना देने वाले को बड़ा इनाम
सीएम सुक्खू ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि चिट्टा माफिया और तस्करों की सटीक सूचना देने वाले व्यक्ति को सरकार 10 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम देगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वाले की पहचान 100% गुप्त रखी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 30 दिनों में सरकार ने माफिया की कमर तोड़ दी है । प्रदेश भर में एक साथ 121 स्थानों पर छापेमारी की गई। 1214 तस्करों और संदिग्धों की पहचान की गई है और उनकी 950 अवैध संपत्तियों को चिह्नित किया गया है।
पंचायत स्तर पर निगरानी
नशामुक्त हिमाचल के लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने 15 दिसंबर को राज्य की 234 सबसे ज्यादा नशा प्रभावित पंचायतों और शहरी निकायों में नशा निवारण समितियों की बैठकें भी आयोजित कीं, ताकि स्थानीय स्तर पर नजर रखी जा सके।
इस वॉकथॉन में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, डीजीपी अशोक तिवारी, मुख्य सचिव संजय गुप्ता और बड़ी संख्या में स्कूली छात्र व स्थानीय लोग शामिल हुए। पुलिस विभाग ने इस मौके पर नशे के दुष्प्रभावों पर एक जागरूकता कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।