शिमला: विकासखंड चौपाल की दूरदराज ग्राम पंचायत पौड़िया में हिमाचल प्रदेश के दूसरे स्वामी विवेकानंद पंचवटी प्लास्टिक वेस्ट पार्क का निर्माण किया गया है जिसका शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अभिषेक वर्मा ने किया।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि पौड़िया चौपाल क्षेत्र की बहुत ही दुर्गम पंचायत है जहाँ मात्र रिकॉर्ड 21 दिनों में इस पार्क का निर्माण किया गया है और इसमें लगभग 6 क्विंटल प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने बताया कि मात्र 6 महीने में चौपाल में दो प्लास्टिक वेस्ट पार्कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि चौपाल प्लास्टिक वेस्ट से पार्क बनाने वाला हिमाचल प्रदेश का एकमात्र ब्लॉक बना है जिसके लिए उन्होंने बीडीओ चौपाल विनीत ठाकुर और प्रधान ग्राम पंचायत पौड़िया तपेंद्र मोहन शर्मा को बधाई दी।
अभिषेक वर्मा ने कहा कि इस तरह के विकल्प प्लास्टिक वेस्ट के बेहतर प्रबंधन के लिए बेहद आवश्यक हैं। जहाँ एक ओर ऐसे प्रयोग क्षेत्र की ख़ूबसूरती को चार चांद लगा रहे हैं वहीँ दूसरी ओर प्लास्टिक कचरे का भी सही तरीके से प्रबंधन हो रहा है जोकि पर्यावरण के अनुकूल है। उन्होंने लोगों से आवाहन किया कि प्लास्टिक कचरे को यहां वहां न फैंकें और एक जगह एकत्रित करें जिससे प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन सही तरीके से किया जा सके।
खंड विकास अधिकारी चौपाल विनीत ठाकुर ने कहा कि इन पार्क के निर्माण का उद्देश्य यह साबित करना था कि कचरे को भी किसी खूबसूरत चीज में बदला जा सकता है। ये पार्क सिर्फ सार्वजनिक स्थान नहीं हैं, यह जागरूकता, जिम्मेदारी और स्थानीय भागीदारी का प्रतीक हैं। इन पार्कों के साथ, चौपाल ने न केवल प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे को संबोधित किया है, बल्कि राज्य में सतत विकास के लिए एक नया मानदंड स्थापित करते हुए सुंदर और कार्यात्मक सामुदायिक संपत्ति भी बनाई है।
कबाड़ पड़ी हुई चीजों को फेंकना नहीं है – उपायुक्त
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि इस पार्क के निर्माण में पुराने टायर और प्लास्टिक की बोतलों का प्रयोग किया गया है जोकि न केवल स्थानीय लोगों और बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों को भी लुभा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता को यह संदेश दिया जा रहा है कि कबाड़ पड़ी हुई चीजों को फेंकना नहीं है, बल्कि उनका किस तरह और कहां प्रयोग करना है ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हम सभी आगे बढ़ें और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सूंदर पर्यावरण सुनिश्चित करें।