जच्चा बच्चा मौत मामलें में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

नाहन: जिला अस्पताल में जच्चा बच्चा मौत के मामलें में उपायुक्त ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए है । जाचं का भार पांवटा के एसडीएम को सौंपा गया है । हालांकि हादसे के सप्ताह भर बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई कारवाई नहीं की है । इस कारण मामला काफी पेचिदा हो गया है। बीती 22 अप्रैल को नाहन निवासी राजकुमार ने अपनी पत्नी नीलम को प्रसव पीडा के दौरान नाहन अस्पताल में भरती करवाया । रात भर नीलम तडपती रही, लेकिन चिकित्सको ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया । 23 अप्रैल को आनन फानन में नीलम को आपरेशन कर दिया । आपरेशन के दौरान चिकित्सक ने राजकुमार को मरा बच्चा पैदा होने की बात कही, जबकि राजकुमार ने शुक्रवार को उपायुक्त को बताया कि उसकी पत्नी ओर बच्चा स्वस्थ थे । कुछ समय पहले ही अल्ट्रासांउड की रिपोर्ट देखने के बाद सबन्धित चिकित्सक ने उन्हें यहीं सब बताया था । आपरेशन के बाद चिकित्सकों ने राजकुमार को उसकी पत्नी नीलम की तबीयत बहुत खराब होने की बात भी बताई । आपरेशन के बाद ही नीलम को इतनी ब्लीडिंग हुई कि उसे छह बोतल खून के चढाए गए । बावजूद इसके दोपहर बाद चिकित्सकों ने हाथ खडे करके नीलम को पीजीआई जाते समय रास्ते में ही नीलम ने दम तोड दिया । राजकुमार ने उपायुक्त को बताया कि उसकी पत्नी की जब तबीयत अधिक खराब होने के बाद भी चिकित्सक ने लापरवाही बरती । आपरेशन ही गलत किया गया, जिस कारण नीलम की ब्लीडिंग नही रूकी । मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त पदम सिंह चौहान ने मेजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए है । उल्लेखनीय ये है कि 11 साल पहले भी राजकुमार के एकमात्र पुत्र का पीलिया होने की दशा में नाहन अस्पताल में ही उपचार किया गया था । तब केस बिगड जाने पर अस्पताल ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया था, जहां उसकी मौत हो गई थी ।

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