रिकांगपिओ : प्रदेश की जयराम सरकार को हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों से कोई लगाव नही है, उन्हें सिर्फ अपना मंडी का क्षेत्र ही याद रहता है। यह बात विधायक किन्नौर जगत सिंह ने रिकांगपिओ में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भारत के अनुच्छेद 5 के अनुसार सरकार को जनजातीय सलाहकार परिषद का गठन करना अनिवार्य होता है। मगर जयराम सरकार के राज में 2 वर्षों तक परिषद का गठन ही नही किया गया। उसके बाद परिषद की बैठकों का आयोजन ही नहीं किया गया, जो बैठक बुलाई गई थी उसमें भी परिषद के कई नामजद सदस्य भाग ही नहीं ले पाए क्योंकि बैठक जानबूझकर सर्दियों के समय बुलाई गई।
उन्होंने कहा कि अब सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल रह गया गया है, वो भी कोविड के नाम पर कोई बैठक नही हो पाएगी। ऐसे में जनजातीय क्षेत्रों के विकास संबंधी कई मुद्दे दबे के दबे रह जायेंगे क्योंकि परिषद की बैठको में जनजातीय क्षेत्रो के कई अहम मुद्दो पर निर्णय लेना होता है। उन्होंने कहा कि आज जिले में कोविड केयर के लिए संसाधनों का अभाव पड़ा है। जो चार वेंटिलेटर जिले में फंक्शनल बताए जा रहे है वो भी बिना एनेस्थेटिस्ट के ,उन्होंने कहा कि जिले में जे. एस. डब्ल्यू का संजीवनी हॉस्पिटल कार्यरत है जहाँ कोविड केयर के संसाधन मौजूद है जिसे सरकार को तुरंत कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया जाना चाहिए। इससे जिले के लोगों को कोविड केस में जिले से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
देश सहित प्रदेश में कोविड के केस बढ़ रहे है। ऐसे में जिला के चौरा बेरियर पर दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, बिहार सहित अन्य क्षेत्रों से आ रहे मजदूरों सहित अन्य लोगों का कोविड टेस्ट किया जाना चाहिए। इस अवसर पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. सूर्य बोरस, प्रदेश इंटक सचिव कुलवंत नेगी भी उपस्थित थे।