धर्मशाला: (बिजेन्दर शर्मा) । राज्य में भू-बंदोबस्त ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) प्रणाली से किया जाएगा, जिसके लिये आवश्क प्रबन्ध किये जा रहे हैं। यह जानकारी लोक निर्माण एवं राजस्व मंत्री
ठाकुर गुलाब सिंह ने आज तपोवन में कांगड़ा मंडल के ऊना जिला के पांच टीकों में भू-बंदोबस्त कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि जिन टीकों में भू-बंदोबस्त का कार्य साधारणतया पूरा हो चुका है, वहां षिकायतों के आधार पर दरूस्ती करने का प्रावधान भी किया गया है ताकि किसी भी भू-मालिक को असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि उना जिला के डंगोली, टका, छताड़ा, देहलां, सकौहन में भू-बंदोबस्त को लेकर विभागीय अधिकारियों को निरीक्षण के निर्देश भी दिए गए हैं | ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में जमीन के बेनामी सौदों पर अंकुश लगाने के दृश्टिगत राज्य सरकार द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को अक्षरश: लागू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।
प्रदेश में अब इसके तहत अब कोई भी जमीन की रजिस्ट्री जीपीए के आधार पर नहीं होगी तथा आदेशों का पालन न करने वाले तहसीलदार/ नायव तहसीलदार के विरूद्ध आवष्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। ठाकुर गुलाब सिंह ने कहा कि नये भू-सुधार नियमों के अनुसार जीपीए के आधार पर केवल ब्लड रिलेशन में ही जमीन की खरीदने व बेचने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने से प्रदेष में भू-माफिया पर लगाम लग जाएगी और इससे असली मालिक और खरीददार को काफी राहत मिलेगी और जमीन की कीमतों पर भी नियंत्रण रहेगा। इससे पहले बंदोबस्त अधिकारी, कांगड़ा मंडल, श्री विकास लाबरू ने भू-बंदोबस्त कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव श्री सतपाल सत्ती, श्री वीरेंद्र कंवर, विधायक गगरेट निर्वाचन क्षेत्र श्री बलबीर चौधरी सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।