ज्वालामुखी की सडकें फटेहाल

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ज्वालामुखी: शहर की सडक़ों की हालत दिन प्रतिदिन बदतर बनती जा रही है तथा बरसात के दिनों में हुई बारीशों के चलते सडक़ों की हालत और भी खराब हो गई है व पिछले महीनों में हुई लगातार मूसलाधार बारिशों से सडक़ों पर जगह-जगह गड्डे पड़ गए हैं, सडक़ों पर जगह जगह पड़े गढ़े क्षेत्र की सडक़े अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है, ऐसी ही स्थिती ज्वालामुखी के राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। ज्वालामुखी-नादौन राष्ट्रीय राजमार्ग-88 पर मायाहोटल ज्वालामुखी में सडक़ के साथ स्थित डग़ा बनाया गया था परंतु बारिश के कारण यहां पर गढ़ा पड़ गया। माया होटल ज्वालामुखी के साथ स्थित दुकानदारों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग ज्वालामुखी नादौन रोड़ पर सडक़ स्थित पड़े गढ़े को लगभग 2 महीने हो चुके हैं, लेकिन पी.डब्लयु.डी. विभाग ने उक्त मार्ग पर पड़े हुए गढ़ की आज तक सुध नही ली, और न ही इसके आस पास सडक़ के खराब होने का चिन्ह लगाया गया।

सडक़ स्थित पड़ा गढ़ा कई हादसों को न्यौता दे रहा हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग की यह सडक़ महत्वपूर्ण है, लेकिन विभागीय वेरूखियों के कारण आज यह अपनी दुर्दशा पर आंसू वहा रही है। स्थानीय दुकानदरों का कहना है कि सडक़ के किनारे स्थित पड़े गढ़े से पहले भी तीन चार वाहन सवार हादसे का शिकार होने से बाल बाल बचे हैं, लेकिन पी.डब्लयु.डी. विभाग मुकदर्शक बनकर बैठा हुआ हैं। दुकानदारों का कहना है कि यह न तो पी.डब्लयु.डी. विभाग ने स्थित पड़े गढ़े की सुध ली औन न निशान लगाया गया। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि निशान चिंह न होने से यहां पर कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। दुकानदारों का कहना है कि लोगों को ज्ञात दिलाने के लिए कि सडक़ स्थित गढ़ा है, जिसके लिए उन्होंने दो चार पत्थर सडक़ के साथ रखे थे, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने उन्हें वहां से हटा दिया हैं, लेकिन विभाग की ढुलमुल निति के कारण स्थानीय दुकानदारों व विदेशियों की नजरों में भी प्रशासनिक व्यवस्था की पोल सरेआम खुल जाती हैं। इस संदर्भ में एस.डी.ओ. ज्वालामुखी प्रीमत संधयाल ने माना कि मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी प्राप्त हुई है, जल्द ही पड़े हुए गड्डे को ठीक कर दिया जाएगा।