ज्वालामुखी: ज्वालामुखी डिग्री कालेज के मामले पर प्रदेश के दो कबीना मंत्री आमने सामने हो गये हैं। जिससे कालेज के सरकारीकरण का मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चल गया है। दरअसल कालेज के सरकारीकरण के मामले पर ज्वालामुखी के विधायक प्रदेश के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला की बयानबाजी शिक्षा मंत्री आई डी धीमान को नागवार गुजरी है। उन्होंने सीधे तौर पर धवाला की मांग को अनुचित करार देते हुये साफ किया कि सरकार कालेज के सरकारीकरण की भले ही हिमायती है लेकिन यह काम इतना आसान नहीं जो रातों रात हो सके। शिक्षा मंत्री ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा कि कालेज का सरकारीकरण आसान नहीं है। हालांकि इस समय इसे मंदिर न्यास चला रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारीकरण होने की सूरत में कालेज को मंदिर से मिल रहा अनुदान बंद हो जायेगा। उन्होंने कहा कि उनके दौरे के दौरान कालेज के वार्षिक पाकरतोषिक वितरण समारोह में जो कुछ हुआ उसमें बाहरी तत्व शामिल थे। ऐसी सूचना उन्हें मिली है। लेकिन कांग्रेस इस मामले पर राजनैतिक रोटियां ही सेंक रही है। धीमान ने कहा कि कालेज के सरकारीकरण के लिये निर्धारित मापदंड भी पूरे करने होते हैं। यू जी सी ने भी कुछ मानदंड निर्धारित किये हैं। तकनीकि तौर पर ज्वालामुखी कालेज का सरकारीकरण आसान काम नहीं है। काबिलेगौर है कि रमेश धवाला ने कहा है कि कालेज जल्द ही सरकारी हो जायेगा।