ज्वालामुखी: ज्वालामुखी डिग्री कालेज में प्रिसिंपल की तैनाती को लेकर उठे विवाद में प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को झटका देते हुये नयी नियुक्ति पर रोक लगा दी है। लिहाजा मामला कानूनी पचडे में फंस कर रह गया है।
गौरतलब है कि कुछ माह पहले कालेज की प्रिसिंपल माधुरी सूद को कांगडा के जिलाधीश ने एक शिकायत के आधार पर अपने पद से हटा दिया था। कालेज के ही दूसरे लेक्चरर अशोक सिहोता ने स्थानीय विधायक प्रदेश के खाद्य एवं आपूत्रि मंत्री रमेश धवाला को शिकायत पत्र दिया था । जिसमें आरोप लगाया गया था कि माधुरी सूद इस पद पर तैनात होने के लिये पात्र नहीं है। व उसे हटाया जाये।इसी पत्र को जाचं के लिये कांगडा के जिलाधीश को भेजा गया। व बाद में देहरा के एस डी एम ने जांच कर अपनी रिार्पेाट दी व प्रिंसिपल को पद से हटा दिया गया। जांच कब पूरी हुई उसका नतीजा क्या निकला इसका किसी को पता चलता उससे पहले ही सब कुछ कदम उठा लिये गये।
दरअसल यह सब कानूनी नजरिये से अधिक राजनैतिक तौर पर हुआ। चूंकि हटायी गयी प्रिंिसपल ज्वालामुखी के विधायक रहे मेला राम सावर की पुत्रवधू है। आरेाप लगाया जा रहा है कि सत्तारूढ दल के इशारे पर अधिकारियों ने गलत रिर्पोट बनाई व रातों रात उसे हटा दिया गया।
ताज्जुब की बात2 है कि जिस अशोक सिहोता की शिकायत के आधार पर माधुरी सूद को हटाया गया उसके खिलाफ पहले ही माधुरी सूद ने कालेज प्रशासन को शिकायत दी थी कि सिहोता ने नौकरी हासिल करने के लिये कुछ दस्तावेज जाली तौर पर जुटाये हैं। व वह यू जी सी के मापदंड पूरे नहीं करता। उन्होंने यह जानकारी कांगडा के ए डी एम से सूचना के अधिकार के तहत जुटाई थी। विादों में आये लेक्चरर ने अपने आपको हरिपुर कालेज का अनुभवी लेक्चरर बताया व दावा किया कि तीन साल तक उसने वहां अध्यापन का कार्य किया था। लेकिन अब भेजी जानकारी में हरिपुर कालेज ने स्पष्टï किया है कि उक्त लेक्चरर यहां तैनात नहीं थी। व दिया गया प्रमाण पत्र जाली है। लेकिन उस शिकायत को कांगडा के जिलाधीश ने कथित तौर पर नजरअंदाज कर दिया।
मामले पर स्थानीय स्तर पर जब अनसुनी हुई तो माधुरी सूद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस बीच कालेज में कार्यकारी प्रिंिसपल पहले देहरा के एस डी एम राकेश शर्मा बन गये व बाद में मंदिर के तहसीलदार सुदेश नैयर को कार्यकारी प्रिंिसपल बनाया गया। इन दिनों कालेज में नये प्रिंसिपल की तैनाती की तैयारियां चल रही थीं।
लेकिन अब प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले पर दखल देते हुये नयी नियुक्ति पर न केवल रोक लगा दी है। बल्कि कांगडा के जिलाधीश आर एस गुप्ता को शिक्षा समिति के अध्यक्ष के नाते देहरा के एस डी एम को एस डी ओ सिविल की हैसियत से केस में पार्टी बनाया है। कालेज का नियंत्रण चूंकि ज्वालामुखी मंदिर के पास है। व मदिंर सरकारी नियंत्रण में है। कांगड़ा के जिलाधीश इसक ो चलाने वाली समिति के अध्यक्ष हैं। वहीं अशोक सिहोता लेक्चरर के साथ यू जी सी व हिमाचल यूनिवर्सिटी को भी पार्टी बनाया है।