ज्वालामुखी में चंदन पेड़ो के काटने का सिलसिला जारी

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी में उगने वाले बहुमूल्य चंदन पेड़ो के काटने का सिलसिला लगातार जारी है। इस धंधे में लिप्त स्थानीय व बाहरी राज्यों के लोग सुनियोजित ढंग से चंदन के पेड़ काट कर लाखों के वारे न्यारे कर रहे है। सुनियोजित ढंग से चल रही चंदन तस्करी पर तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस भी लगाम लगाने में नाकाम रही है क्योंकि एक बार पकड़े जाने पर जमानत मिलते ही यह लोग दोबारा तस्करी में लिप्त हो जाते है। तस्करों के बुलंद हौसलों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ लोगों को तो यह पेड़ काटने से पहले किसी व्यक्ति के माध्यम से सौदा करने की आफर देते है और मालिक द्वारा मना करने पर कुछ दिनों बाद इसे काटकर ले जाते है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चंदन तस्करी में लिप्त कुछ स्थानीय युवक क्षेत्र में घूमकर पेड़ का चयन कर उसे उपयुक्त समय देखकर काटते है व इसकी

सफाई करने व इसके छोटे छोटे टुकड़े बनाने के बाद बाहरी राज्यों खासकर उतर प्रदेश के तस्करों के हवाले कर देते है, जिनका काम इन्हें प्रदेश से बाहर ले जाकर बेचना होता है। 15

दिन पहले स्थानीय पुलिस द्वारा सुबह पांच बजे संदिग्ध हालत में पकड़े गए उतर प्रदेश के जिला कन्नौज के पांच व्यक्तियों से पूछताछ करने पर दो व्यक्तियों ने चंदन तस्करी में लिप्त होने

की बात कबूल की थी व दोनों पर चंदन तस्करी को लेकर ज्वालामुखी थाने में मुकदï्दमा भी दर्ज है। स्थानीय लोग इस बात को लेकर इस बात को लेकर परेशान है कि पिछले कई वर्षों से इनके खेतों में खड़े इन बहुमूल्य पेड़ की रक्ष कैसे की जाए क्योंकि लाखों की चंदन तस्करी कर चुके यह लोग ज्वालामुखी व इसके आस पास के क्षेत्रों से चंदन का नामों निशान मिटा देने पर आमदा है। चंदन पेड़ों को काटने का सिलसिला जारी रखते हुए तस्करों ने रात हुई हल्की बरसात का फायदा उठाते हुए वार्ड न. 6 के निवासी मेला राम के खेतों से लगभग 40 वर्ष पुराने तीन चंदन के पेड़ काट डाले। काटे गए चंदन पेड़ों की कीमत दो लाख रूपये तक आंकी जा रही है। गौरतलब है कि तस्करों ने पिछले सप्ताह भी वार्ड न. 3 से दो चंदन के पेड़

काट डाले थे। मेला राम के अनुसार वह सुबह पशुओं को घास डालने गए तो उनके खेत में लगे तीन पेड़ कट चुके थे, उन्होंने बताया कि स्कर उनके खेतों में लगभग सभी चंदन पेड़

काट चुके है। मेला राम ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज करवा दी है और वह इसकी शिकायत मुख्यमंत्री व जिला पुलिस अधीक्षक के पास भी दर्ज करवाऐंगे।