ज्वालामुखी में नये बनने वाले अस्पताल को लेकर इलाके के लोग बंटे

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी में नये बनने वाले अस्पताल को लेकर इलाके के लोग बंट गये हैं। नये बनने वाले प्रस्तावित परिसर का शिलान्यास हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने किया था। बस अड्डे के पास पुराने भवन को गिराकर यहां नया परिसर बनेगा। ज्वालामुखी के सरकारी अस्पताल को दूसरी जगह ले जाने की कवायद के बीच इलाके में इस मामले में राजनैतिक महौल गरमा गया है । लेकिन इलाके में अब नयी बहस छिड गयी है। चूंकि कांग्रेस शासनकाल में अस्पताल को नादौन रोड पर मंदिर की ओर से बने यात्रि निवास में ले जाने की बात हो रही थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने फैसला बदला तो किसी को कानोंकान भी खबर नहीं मिली। स्थानीय विधायक खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश ने स्पष्ट किया कि फैसला तमाम पक्षों पर विचार करके ही लिया गया है।

व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनीश सूद ने दलील दी कि सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र को यात्रि निवास में स्थापित किया जाये। यात्रि निवास इन दिनों खाली है व मौजूदा अस्पताल बस अड्डे के पास है । समूचे बदलाव के लिए यही आधार है । कुछ साल पहले नगर में यात्रियों की सुविधाके लिए मंदिर ट्रस्ट ने यात्रि निवास बनवाया था । लेकिन इसके रखरखाव व इस्तेमाल पर शुरू से ही विवाद रहा । पिछले दिनों ठेकेदार बिना भुगतान दिए फरार हो गया । यही वजह है कि अब यह भवन मंदिर ट्रस्ट के गले की फांस बन गया है । इसी आधार पर अब यहां अस्पताल स्थापित करने का तानाबाना बुना जा रहा था।

कांग्रेस नेता उत्तम चन्द की दलील है कि अस्पताल बनने से भवन का रखरखाव सही ढग़ से हो पाएगा । मौजूदा अस्पताल बस अड्डे के पास है । इसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि यहां मरीजों को परेशानी होती है । बस अड्डा छोटा है । साथ ही कुछ दिनों बाद नेशनल हाईवे का विस्तार होना है। लिहाजा उसमें भी अस्पताल का कुछ हिस्सा आ जायेगा। अस्पताल बदला जाए तो अड्डे का भी विस्तार हो पाएगा । यात्रि निवास में करीब 42 कमरें हैं व साथ ही संगीतमय फव्वारा व संत्सग भवन है । बदलाव होने की सूरत में यहां नया बाजार विकसित हो सकता है ।

बहीं नगर पंचायत के उपाध्यक्ष सुखदेव शर्मा मानते हैं कि नगर के बाहर अस्पताल बनाना असुविधाजनक होगा ।

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