ज्वालामुखी: प्रसिद्घ शक्तिपीठ ज्वालामुखी में श्रावण अष्टमी के चलते शहर में देश-विदेश से यात्रियों की भीड़ आनी शुरू हो गई है, लेकिन अगर नवरात्र के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं की बात की जाए तो यात्रियों की सुविधाओं की बजाए परेशानियां ज्यादा झेलनी पड़ सकती है। प्रंसगवश नवरात्र के दौरान की जाने वाली व्यवस्थाओं को लेकर न तो मंदिर प्रशासन गम्भीर है और न ही नगर प्रशासन। ज्वालामुखी पहुंचने पर जिन समस्याओं का सामना श्रृद्घालुओं को करना पड़ता है, उनमें शौचालय का न होना,सफाई व्यवस्था ठीक न होना व पेयजल की आपूर्ति प्रर्याप्त मात्रा में न होना अहम है। नवरात्र के दौरान प्रतिदिन ज्वालामुखी आने वाले हजारों यात्रियों के लिए मात्र 10 शौचालयों व 10 स्नानागारों ही उपलब्ध है, अगर इनमें बस स्टैड़ पर बने शौचालय की संख्या भी जोड़ दी जाए, तो भी यह आंकड़ा 15 को पार नहीं कर पाता ।
नवरात्र के दौरान श्रृद्वालुओं के लिए शौचालयों की कोई बैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की गई है, ऐसे में यहां यात्री आने वाले लाखों श्रृद्घालु खुले में शौच कर स्थानीय लोगों की दिक्कतों को बढ़ाते है। ऐसी ही स्थिति शहर की सफाई व्यवस्था की भी है, हालांकि मंदिर प्रशासन व नंप ने शहर की अहम जगहों की सफाई व्यवस्था ठेके पर दी है,लेकिन ज्वालामुखी बस अड्डे पर लगे गंदगी के ढेर व मंदिर मार्ग की नालियों से उठती दुर्गन्ध सफाई की कुछ और ही कहानी ब्यान करती है। मंदिर मार्ग पर पेयजल न मिल पाने के कारण तपती धूप में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, मंदिर मार्ग पर लगे कुलरों से ठड़ा पानी तो मिलना तो दूर सादा पानी भी लोगों को नहीं मिल पाता है। उधर नवरात्र के शुरू होने के साथ ही ज्वालामुखी में भिखारियों की संख्या भी कई $गुणा बढ़ गई है, जो यहां आने वाले यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गए है। बस स्टैड़ से लेकर मंदिर परिसर तक फैले इन भिखारियों से पीछा छुड़ा पाना यात्रियों के वश से बाहर हो जाता है। पुलिस व मंदिर प्रशासन इन पर लगाम लगाने में असफल होता दिख रहा है, इस मामले में मंदिर प्रशासन की लापरवाही उस समय सामने आती है, जब यह भिखारी मंदिर में बने मां ज्वाला के शैय्या भवन के बाहर बैठ कर यात्रियों से भीख मांगते है। नवरात्र के दौरान बस स्टैड़ व इसके आस पास यातायात व्यवस्था का चरमरा जाना भी यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों के लिए परेशानी देने वाला होता है।
कहने को तो बस स्टैड़ के प्रवेश द्वार पर ही पुलिस यातायात कक्ष स्थापित है, लेकिन मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर यात्री गाडिय़ों का खड़ा होना व बस स्टैड़ के स्थित होटल ज्वालाजी
के साथ गाडिय़ां पार्क होना आम बात है, जिससे बस स्टैड़ के पास अक्सर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। मंदिर मार्ग पर पेयजल की कमी को लेकर मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर का कहना है कि सामान्य पेयजल आपूर्ति न होने पर नवरात्र के दौरान टैकरों से पेयजल मुहैया करवाया जाएगा। उधर भिखारियों व यातायात समस्या को लेकर थाना प्रभारी दौलत राम शर्मा का कहना है कि मंदिर मार्ग व अन्य जगहों से भिखारियों को भगाने के निर्देश दिए गए है व यातायात व्यवस्था को देखते हुए पुलिस को भी मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर किसी भी प्रकार के वाहन खड़े न करने की हिदायत दी गई है।