धर्मशाला: राज्य सरकार और अधिक क्षेत्र को हरित आवरण के अन्तर्गत लाने के लिए प्रयासरत है । इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए तीन महत्वकांक्षी वृक्षारोपण योजनाओं ‘सांझा वन-संवीवनी वन‘ ‘अपना वन- अपना धन और ‘पीपल बरगद का शुभारम्भ कर वन को जन-जन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ।
उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री किशन कपूर ने आज डलझील के परिसर में 61वें मंडल स्तरीय वन महोत्सव के उपलक्ष्य में पौधरोपण का शुभारम्भ करने के उपरान्त जनसभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर देवदार, बान तथा बिलो के 1000 पौधे रोपित किए गए।
उन्होंने बताया कि वनों से वायु, वायु से आयु यह बात तभी सार्थक हो सकती है जब हम सब मिलकर पेड़ों का अवैघ कटान रोकें तथा प्रत्येक व्यक्ति अपने हिस्से में पांच-पांच पौधे चाहे औषधीय हो या फलदार रोपित करें। उन्होनें बताया कि प्रदूषण का रोग इतना भयानक है जितने अन्य रोग है, हम सबका दायित्व है कि इस पुनीत कार्य के लिए सभी को जागरूक करें व अधिक से अधिक पेड़ लगाएं । वन विभाग द्वारा हर वर्ष बरसात में मुफ्त पौधे उपलब्ध करवाये जाते है। उन्होंने लोगों से औषधीय पौधे लगाने का आग्रह किया जोकि निकट भविष्य में किसानों के लिए आय का बेहतर साधन बन सकता है। इस वर्ष धर्मशाला वन वृत में 388 हैक्टेयर भूमि पर चौड़ी पती वाले बहुउपयोगी वृक्षों, ,63 हैक्टेयर भूमि पर औषधीय तथा 445 हैक्टेयर भूमि पर 2 लाख 22 हजार बॉस उगाने का भी इस वर्ष लक्ष्य है। इन कार्यों पर लगभग 2 करोड़ 18 लाख रूपये व्यय होगें । इसके अतिरिक्त नरेगा के तहत भूमि व जल संरक्षण के बहुत से कार्य ( वन सरोवर,चैकडैम आदि) इस वर्ष प्रस्तावित है जिस पर 1 करोड़ 15 लाख रूपये व्यय किये जायेगें। इसी के तहत डलझील में भी 16 लाख रूपये के विकास कार्य किये जायेगें।