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डॉ. त्रिपाठी बने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के महानिदेशक

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नई दिल्ली: डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी ने सोमवार को राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) के महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाला। यह संस्थान भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है।

एनआईईएलआईटी में कार्यभार संभालने से पहले डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी नई दिल्ली स्थित दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में बतौर प्रोफेसर कार्यरत थे। डीटीयू में उन्होंने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के निदेशक और बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ के समन्वयक के रूप में भी काम किया था।

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उन्होंने 1994 में गांधीनगर स्थित इंस्टीट्यूट फॉर प्लाज्मा रिसर्च (आईपीआर) (परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार) के साथ अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में अपना कैरियर शुरू किया था और कई अनुसंधान व विकास परियोजनाओं में पांच साल काम किया। इसके बाद साल 1999 में वे गोरखपुर स्थित सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया में वरिष्ठ डिजाइन इंजीनियर के रूप में कार्यभार संभाला। यहां डॉ. त्रिपाठी ने सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकी (आईईसीटी) के क्षेत्रों में विभिन्न डिजाइन व विकास परियोजनाओं पर 10 वर्षों तक काम किया। 2009 से 2012 तक वे एनआईईएलआईटी के मुख्यालय में संयुक्त निदेशक के पद पर थे। इस संस्थान में उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के डिजीटलीकरण व बायोमेट्रिक डेटा संग्रहण, आईईसीटी कौशल में जनशक्ति का विकास और आईसीटी आधारित कौशल परीक्षण व प्रमाणन जैसी विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया।