मंडी : भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राज्य में ड्राइविंग प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना आरंभ की गई है। प्रत्येक केन्द्र के लिए अधिकतम 2.50 करोड़ रुपये तक की परियोजना लागत निर्धारित की गई है, जिसमें से 85 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाई जाएगी।
यह जानकारी देते हुए वाहन पंजीयन एवं अनुज्ञापन अधिकारी (एसडीएम) सदर मंडी रूपिन्द्र कौर ने ड्राइविंग प्रशिक्षण केन्द्र लगाने की इच्छुक संस्थाएं निर्धारित प्रारूप में शीघ्र आवेदन प्रस्तुत का आग्रह किया हैं, ताकि पात्र प्रस्तावों का चयन कर उन्हें आगे की प्रक्रिया में सम्मिलित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य चालक प्रशिक्षण अवसंरचना को आधुनिक और सुदृढ़ बनाना है, ताकि प्रशिक्षित चालकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके तथा सड़क सुरक्षा को व्यापक रूप से बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित केन्द्रों में स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, सड़क सुरक्षा से संबंधित व्यवहारिक प्रशिक्षण जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
एसडीएम ने कहा कि यह योजना न केवल चालक प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी उल्लेखनीय कमी लाने में सहायक सिद्ध होगी। प्रशिक्षित चालकों की संख्या में वृद्धि से वाहन संचालन अधिक सुरक्षित होगा और लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी