बडू साहिब: तपोभूमि व संतो की स्थली बडू साहिब में शिक्षा के विस्तार की भविष्यवाणी करीब 90 साल पहले ही हो गई थी । साथ ही इस स्थली में संतो के चमत्कार भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है । यह खुलासा 80 वर्षीय बाबा इकबाल सिंह ने बडू साहिब में एनवीओ न्यूज से विशेष मुलाकात में किया है । साथ ही एक अहम खुलासे में बाबा ने कहा कि बडू साहिब का गुरूद्वारा, गुरू की स्तुति के लिए पूर्ण हो चुका है । उन्होनें कहा कि गुरूद्वारे की बाहरी सजावट के लिए 30 करोड रूप्ये खर्च होने का अनुमान था लेकिन उन्होनें इस राशि को शिक्षा के विस्तार पर खर्च करने का फैसला किया है । उन्होनें कहा कि पहले कच्चा गुरूद्वारा – पक्का सिक्ख हुआ करता था लेकिन अब स्थिति विपरित है । उन्होनें कहा कि 1986 में कलगीधर ट्रस्ट के अंतगर्त 5 स्कूल थे जिनकी संख्या अब बढकर 70 तक पहुंच जाएगी । बाबा ने खुलासा किया कि उतर भारत में 2012 तक 200 स्कूल खोलने की योजना है जिनकी संख्या 2020 में 500 तक होगी । बाबा ने एक रहस्य पर से पर्दा उठाते हुए कहा कि 1960 में इस स्थली पर एक लंगर का आयोजन किया गया था जिसमें 70 से 100 लोगों के लंगर की व्यवस्था की गई थी लेकिन एक बडा जनसैलाब लंगर छकने उमड पडा ।
उस वक्त हर एक के चेहरे पर चिंता की लकीरें फैल गई जब इस बात से सन्त तेजा सिंह को अवगत करवाया गया तो सन्त ने कहा कि लंगर का भोजन ढक कर रख दों , यह भोजन कम नहीं होगा । बाबा इकबाल सिंह ने बताया कि हर कोई उस समय आश्चर्यचकित रह गया जब हजारों लोगों के लंगर छकने पर भी भोजन कम नहीं पडा । बाबा ने बताया कि सन्त अतर सिंह ने अनुयायियों को 18वीं सदी के अंत में इस स्थली को ढूंढने की बात कही थी । बाबा इकबाल सिंह ने कहा कि इस स्थली की तलाश बमुश्किल की गई थी । उनहोनें बताया कि यह भूमि जोगेन्द्र सिंह की मलकियत थी जिसे जोगेन्द्र सिहं ने संतो को सौंप दिया था । उन्होनें कहा कि 1906 में सन्तो ने इस बात की भविष्यवाणी कर दी थी कि इस स्थली पर शिक्षा का अभूतपूर्व विकास होगा । बाबा इकबाल सिंह ने कहा कि कलगीधर ट्रस्ट का उद्देश्य साधारण पहरावा – उच्च सोच है ।
बाबा का कहना था कि इस स्थली को गौतम ऋषि, गुरू गोविद सिंह व गुरू नानक देव का आर्शीवाद भी प्राप्त है । उनका कहना था कि कुछ सालों में भारत विश्व की सुपर पावर बनने जा रहा है जिसके लिए युवाओं की अहम भूमिका की जरूरत होगी । इसी के मद्देनजर कलगीधर ट्रस्ट संस्कारी युवाओं की ब्रिगेड तैयार करने में जुटा हुआ है । उन्होनें कहा कि आध्यात्मिक तरीके से इस स्थान पर नशा मुक्ति केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है । उन्होनें कहा कि ढाई सौ बिस्तरों के अस्पताल में मरीजों का उपचार मुफ्त किया जा रहा है । हर साल 4 निःशुल्क कैम्पों के आयोजन के लिए डेढ करोड रूप्ये की राशि खर्च की जाती है । गोरतलब है कि बडू साहिब में निर्मित गुरूद्वारें में 10 हजार श्रद्धालुओं के एक साथ बैठने की व्यवस्था है । साथ ही इस स्थान पर एटरनल युनिवर्सिटी की स्थापना भी की जा चुकी है । कुल मिलाकर सिरमौर जिले में बडू साहिब तेजी से विकसित होता एक स्थल है जहां पर बहुमंजिला भवन हर किसी को आश्चर्य चकित कर देते है कि जंगल के बीच सन्तो के आर्शीवाद से विकास की रफतार यहां तक पहुंच सकती है ।