ज्वालामुखी: तिब्बतियों के अध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में बन रहे एक अस्पताल को करीब एक करोड रूपया दान दिया है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगे गये एक आवेदन के जवाब से हुआ है। मंडी के जाने माने आर टी आई कार्यकर्ता लवण ठाकुर की ओर से जुटाई गई जानकारी में पता चला है कि पालमपुर में बनने जा रहे अस्पताल के एक ट्रस्ट को दलाई लामा की ओर से करोड रूपया दान में दिया गया। यही नहीं दलाई लामा ने इसके लिये विश्व भर में फैले अपने अनुयायियों को इसके लिये खुलकर दान देने की अपील भी की। जिसका परिणाम यह हुआ कि यह राशि एकाएक डेढ करोड अलग से ट्रस्ट को मिल गया। विवेकानंद ट्रस्ट जिसके तहत इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है के अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता राज्य सभा सांसद शांता कुमार हैं। शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
आर टी आई कार्यकर्ता लवण ठाकुर ने यहां इस मामले में जुटाये गये दस्तावेज पत्रकारों को बताते हुये कहा कि दलाई लामा ने पालमपुर के विवेकानंद मेडिकल रिसर्च एवं मेडिकल अस्पताल को दो बार अपने यहां से चंदे की राशि दी। पहले उन्होंने 1 जनवरी 2003 को पच्चास लाख रूपये दान में दिये जबकि 21 नवंबर 2003 को भी पचास लाख का अनुदान दलाई लामा की ओर से दिया गया। सबसे रोचक तथ्य तो यह उभर कर सामने आया है कि दलाई लामा की अपील पर न्यूयार्क में बसे चार लोगों ने एक ही दिन में करीब एक करोड का दान विवेकानंद न्यास को दे दिया। 2 नवंबर 2003 को जी वी हुराग,ली से युवान,मून चंग वांग और हरीश वे ने यह दान राशी विवेकानंद टरस्ट को भेजी। हांलाकि आर टी आई के जवाब में दानदाताओं की राष्टरीयता के बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया है। वहीं अमेरिका के एक नागरिक मुरियार क्लांस ने 1, 2 करोड का अनुदान दो नवंबर 2002 को काजूए रवे ने ४८०,००० का अनुदान दस दिसंबर 2003 को लागी हे ने २२६,९०० रूपये 12 जनवरी 2002 को अनुदान के तौर पर टरस्ट को दिये। यही नहीं धर्मशाला की तिब्बती सामाजिक संस्था को तिब्बतन रिलिजन ने भी १६ सिंतर २००४ को ३९,७६,८७० रूपये का अनुदान दिया।
भाजपा नेता शांता कुमार ने इस संवाददाता से बातचीत में बताया कि विदेश से ट्रस्ट को जो अनुदान मिला वह दलाई लामा की अपील पर ही मिला। विवेकानंद मेडिकल कालेज व अनुसंधान संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति पर है। व यह दो सालों में बनकर तैयार हो जायेगा।
इस बीच तिब्बत की निर्वासित सरकार के अंतरराष्टरीय मामले एवं सूचना मंत्रालय के सचिव थुपतेन सैंफेल ने बताया कि दलाई लामा तो उदार हैं। समाज के लिये उनका योगदान अनुकरणीय है। वह बताते हैं कि दलाई लामा विशव भर में शंति सद्भाव , प्रेम अहिंसा मानवाधिकारों के उत्थान के लिये बेहतर काम कर रहे हैं। बकौल उनके दलाई लामा ने भारत में ही नहीं विदेशों में भी दिल खोलकर चंदा दिया है। काबिलेगौर है कि दलाई लामा पिछले 51 सालों से हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से सटे मेक्लोडगंज में रह रहे हैं। यहां उनकी बाकायदा अपनी सरकार काम करती है। जिसे किसी दूसरे देश से मान्यता नहीं मिली है।