ज्वालामुखी: खाद्य आपूर्ति मंत्री रमेश ध्वाला को खाद्य आपूर्ति निगम में हुये दाल घोटाले की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुये पद से त्यागपत्र देकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिये ताकि सच्चाई का पता चल सके। यह शब्द ज्वालामुखी कांग्रेस नेता संजय रतन ने आज जारी प्रेस ब्यान में कहे। कांग्रेस नेता संजय रतन ने कहा कि पिछले पन्द्रह वर्षों से ज्वालामुखी की जनता को गुमराह कर इमानदारी का ढोंग रचने वाले ध्वाला का मुखौटा जनता के सामने उजागर हो गया है ।
इस मामले में भारी लेन देन के मामले की आशंका नजर आ रही है इसलिये कांग्रेस सरकार से मांग करती है किसरकार करोढ़ों के इस घोटाले की जांच का जिम्मा सी.बी.आई को साँैंपे ताकि सच्चाई का पता चल सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को दोषी ठहराने की बजाय मंत्री को स्वयं नैतिक जिम्मेवारी लेनी चाहिये और जांच तक त्यागपत्र देना चाहिये । उन्होंने मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से मांग की है कि केन्द्र में कांग्रेस सरकार के किसी मंत्री पर भ्रष्टïाचार या आरोप लगने पर भाजपा के लोग उसके इस्तीफे की मांग कर डालते है या प्रधानमंत्री से उस आरोपी को मंत्रीमंडल से बाहर करने की मांग करते है और जब उनकी अपनी सरकार में किसी मंत्री पर आरोप लगते है तो उसे राजनीतिक संरक्षण दिया जाता है यह दोगली किस्म की राजनीति नहीं चलेगी। वे भाजपा सरकार के मुखिया होने के नाते रमेश ध्वाला को कैबिनेट से बाहर कर इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवायें वरना कांग्रेस संघर्ष पर उतरेगी।
यह मामला सिर्फ दाल में करोढ़ों रूपयों के घोटाले का ही नहीं है बल्कि प्रदेश के सोलह लाख राशन कार्ड होल्डर लोगों के स्वास्थ्य का भी है जिन्हें घटिया दाल खिला कर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया गया है । उन अधिकारियों को भी नौकरी से बाहर किया जाये जिन्होंने ऐसा घटिया काम किया है । ताकि प्रदेश की जनता राहत की सांस ले सके । उन्होंने कहा कि गरीब लोगों की चाय की दुकानों पर सिलेंडर पकडऩे के छापे मार कर लोगों का ध्यान भंग कर प्रदेश की जनता को सस्ते राशन के नाम पर घटिया दालें खिलाते रहे । दालों के अलावा अन्य समान पर भी जांच करवाई जाये जो सरकारी डिपुओं में मिलता है । उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से यदि यह गोरखधंधा चल रहा है तो मंत्री को नैतिक जिम्मेवारी लेनी चाहिये तथा पद से त्यागपत्र देकर जांच की मांग करनी चाहिये ।