ऊना: आतमा परियोजा ऊना के सौजन्य से धमांदरी में हीड्रोपोनिक्स खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह जानकारी आतमा परियोजना निदेशक डॉ. रविंद्र सिंह जसरोटिया ने दी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में किसानों को मिट्टी के बैगर खेती करने की तकनीक के बारे प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षिण शिविर में 30 किसानों ने भाग लिया। जसरोटिया ने बताया कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। पौधे के लिए सभी आवश्यक खनिज और उर्वरक पानी के माध्यम से मिलते हैं। फसल उत्पादन के लिए पानी, पोषक तत्व और प्रकाश की जरूरत होती है, यदि ये तीनों हम बिना मिट्टी के उपलब्ध करा दें तो पौधे फल-फूल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या तथा खेती की लिए कम पड़ती जमीन को देखते हुए हाइड्रोपोनिक्स तकनीक बहुत ही कारगार है। उन्होंने बताया कि घरों की छतों पर भी इस विधि के माध्यम से खेती की जा सकती है। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी अपने घरों में सब्जियों का उत्पादन कर सकेंगे। इस अवसर पर उप परियोजना निदेशक राजेश राणा सहित संतोष शर्मा व प्रगतिशील किसान युसूफ खान उपस्थित रहे।