धार्मिक नगर ज्वालामुखी में गृह कर वसूली नगर पंचायत के लिये टेढ़ी खीर

ज्वालामुखी: धार्मिक नगर ज्वालामुखी में गृह कर वसूली नगर पंचायत के लिये टेढ़ी खीर साबित हो रही है। एक ओर जहां लोग गृह कर का विरोध कर रहे हैं वहीं राज्य सरकार उलट वसूली न हो पाने की वजह से ग्रांट इन एड रोक दी है। जिससे नगर पंचायत मुपलिसी के कगार पर पÞचं चुकी है। राज्य सरकार ने सीधे तौर पर उन नगर पंचायतों को अनुदान देने के लिये मना कर दिया है जो वसूली नहीं कर पा रही हैं। ज्वालामुखी में वसूली राजनीति के भंवर में धंस कर रह गई हैं। चूंकि लोग नहीं चाहते कि यहां गृह कर लगे । लोगों के दबाब के चलते नगर षार्षद भी इस मामले में कोई साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। नगर पंचायत को कार पार्किंग,बस अड्डा व दुकानों से करीब पौने तीन लाख आमदन हो रही है। जबकि नगर पंचायत का बेतन बिल ही तीन लाख रूपये है, यहां 62 कर्मचारी तेनात हैं। करीब बीस लाख स्टृीट लाइट बिल विद्युत बोर्ड का देना है । इन्हीं देनदारयों के चलते नगर पंचायत की हालात बद से बदतर होती जा रही है। दलील दी जा रही है कि इस मामले में षाषदों को कोई ठोस हल ढूढंना होगा।

पूर्व अध्यक्ष अनिल ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिये भरपूर प्रयास किये व विभिन्न योजनाओं के लिये सरकार से मदद ली गई। सचिव ने माना कि आर्थिक हालत बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को भुगतान करने में दिक्कत नहीं होगी, चूंकि इसके लिये केन्द्र सरकार से अनुदान मिलेगा।

उधर नगर पंचायत अध्यक्ष मनीशा शर्मा ने बताया कि गृह कर वसूली का जल्द ही समाधान निकाल लिया जायेगा। वहीं वह अपने तौर परराज्य सरकार से मदद हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आर्थिक संकट का हल ढूंढ़ा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मु यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से वह इस बाबत मिलेंगी।

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