नाहन: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारें नत्थू राम गोडसे को मौके पर धर धबोचने वाले सिरमौर के वीर देवराज सिंह का परिवार पिछले 30 वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है । इस परिवार की मदद के लिए न केन्द्र न प्रदेश सरकार और न ही जिला प्रशासन कुछ कर रहा है । देवराज का यह परिवार केन्द्र से लेकर जिला प्रशासन के हर एक व्यक्ति से मदद की अपील कर चुका है । लेकिन सिवाए आश्वासनों के इन्हें कुछ नहीं मिला ।
मंगलवार को भी देवराज सिंह की पुत्रवधू सुमित्रा तोमर अपने बेटे विजय तोमर के साथ अतिरिक्त उपायुक्त से मिली । जिनसे इन्होनें विजय को रिजर्व कोटे के तहत नौकरी दिलाने की बात कही लेकिन अतिरिक्त उपायुक्त जीके श्रीवास्तव ने इन्हें मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कहा । सुमित्रा तोमर का बेटा विजय तोमर मुख्यमंत्री को 4 बार रजिस्ट्री पत्र के माध्यम से अवगत करा चुका है लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से उसे अभी तक कोई जवाब नहीं आया है । विजय ने बताया कि उसने कुछ अरसा पहले प्रधामंत्री मनमोहन सिंह को भी एक पत्र लिखा था तथा उसके साथ सभी कागजात रजिस्ट्री के माध्यम से भेजे थे ।
बहरहाल देवराज सिंह की इस परिवार में पूरी जिम्मेवारी उसकी पुत्रवधू सुमित्रा तोमर के उपर आ गई है जोकि सिलाई कर अपने परिवार का गुजारा चलाती है । गौरतलब है कि नत्थू राम गोडसे को पकडने के सम्मान में देवराज को 1952 में पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने अशोक चक्र से सम्मानित किया था । लेकिन हैरत का विषय है कि देश में इतना बडा काम करने के बाद भी यह परिवार गुमनामी में अपना जीवन बसर कर रहा है । सुमित्रा तोमर ने बताया कि 26 जनवरी के अवसर पर उन्हें हर वर्ष निमन्त्रण पत्र आता था लेकिन इस बार प्रशासन द्वारा उन्हें कोई भी पत्र न भेजा गया ।