शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग ने नशीलें पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। यह राज्य सरकार की इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अभियान के तहत एक सप्ताह के भीतर आठ आदतन अपराधियों को स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम (पीआईटी-एनडीपीएस) के तहत हिरासत में लिया गया है।
पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिरासत में लिए गए यह अपराधी नूरपुर, सिरमौर, चंबा, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (सोलन जिला) और कांगड़ा से संबंधित हैं जो बार-बार मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम के अन्तर्गत की गई यह कड़ी कार्रवाई का उद्देेश्य बार-बार अपराध करने वाले अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाना और राज्य में सक्रिय मादक पदार्थों के नेटवर्क को खत्म करना है।

मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और पुलिस विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें। उन्होंने इस सामाजिक बुराई के खिलाफ कानूनों के सख्त प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और अन्य संबंधित विभागों के साथ कई उच्च स्तरीय बैठकें भी की हैं।
वर्तमान राज्य सरकार पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू कर रही है और इसके अन्तर्गत निवारक हिरासत की कार्रवाई को सुदृढ़ किया गया है। इस अधिनियम के अन्तर्गत कानूनी पहलुओं की निगरानी के लिए 23 अप्रैल 2023 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया है। यह अधिनियम पहली बार वर्ष 2024 में लागू किया गया था जिसके तहत चार व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया था। हाल ही में इस कानून के तहत हिरासत में लिए गए अपराधियों की कुल संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इसके अलावा हिरासत में लिए गए अपराधियों की संपत्तियों की गहन जांच जारी है और जांच के निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और ड्रग माफिया के खिलाफ अपनी अथक लड़ाई जारी रखेगी।