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नाहन कालेज भवन को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद क्रमिक भूख हडताल पर, अस्तबल में चल रहा है कालेज

नाहन: हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य को एजुकेशन हब बनाने के बडे-बडे दावे कर रही है लेकिन विडम्बना यह है कि 60 के दशक में स्थापित नाहन महाविद्यालय को आज भी अपना भवन नसीब नहीं हुआ है । कालेज में शैक्षणिक स्तर  के शुरू होते ही यह मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है । आज इस मुद्दे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कालेज परिसर में क्रमिक भूख हडताल शुरू कर दी । एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर आज जमकर नारेबाजी भी की ।  गत वर्ष अखिल भारतीय परिषद ने कालेज भवन के लिए जमीन का विवाद न सुलझने पर इस साल छात्र संघ के चुनाव न लडने का ऐलान किया था।

भवन के लिए जमीन का मृद्दा न सुलझने के कारण करीब साढे तीन करोड रूपये की राशि लोक निर्माण विभाग के पास बेकार पडी है । करीब डेढ साल पहले नगरपरिषद की करीब 36 बीघा भूमि को कालेज भवन के लिए चिन्हित किया गया था लेकिन यह मामला इसलिए अधर में लटक गया है क्योंकि नगरपरिषद इस भूमि की एवज में 5 लाख रूपये प्रति बीघा की कीमत शिक्षा विभाग से चाहती है । शिक्षा विभाग इस भूमि को निःशुल्क हासिल करना चाहता है लिहाजा यह मामला शिक्षा विभाग व नगरपरिषद के बीच अटका हुआ है। इस साल कालेज में छात्रों का आंकडा 1500 पार कर गया है। सिरमौर रियासत काल में जिस जगह पर घोडो का अस्तबल स्थापित किया गया था वहीं पर आज हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने महाविद्यालयों में से एक महाविद्यालय में कक्षाएं चल रही है।

भवन की कमी के कारण छात्रों को पिछले दो सालों से फर्श पर बैठकर भी परीक्षाएं देनी पड रही है। साथ ही जिला के छात्रों को व्यवसायिक शिक्षा से भी महरूम रहना पड रहा है।  उधर कालेज के प्रधानाचार्य एमके थामी ने बताया कि नगर परिषद पांच लाख रूपए प्रति बीघा के हिसाब से मांग रही है लेकिन कालेज के पास इतना बजट न होने  के कारण मामला अधर में लटका हुआ है। उधर नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी एसएस  नेगी ने बताया कि सरकार की अप्रुवल आ चुकी है जिसमें कहा गया है कि  पांच लाख रूपए प्रति बीघा के हिसाब से कालेज को दी जाए। उन्होंने कहा कि नगर परिषद ने भी यह  जमीन  खरीदी  है।

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