नाहन : अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने प्रदेश सरकार द्वारा रसोई गैस सिलेंडर के दामों में की गई वृद्धि, बस किराए में बढ़ोतरी और स्वास्थ्य सुविधाओं पर सेवा कर लगाने के फैसले का कड़े शब्दों में विरोध किया है। समिति का कहना है कि ऐसे समय में जब आम जनता पहले ही महंगाई और बेरोज़गारी की मार झेल रही है, सरकार द्वारा ये जनविरोधी फैसले उसकी असंवेदनशीलता को दर्शाते हैं।
समिति की पूर्व राज्य अध्यक्ष संतोष कपूर ने कहा, “प्रदेश सरकार ने एक तरफ विधायकों और मंत्रियों के भत्ते बढ़ाने का फैसला लिया है, वहीं दूसरी ओर आम जनता की जेब पर डाका डालने का निर्णय लिया है। यह जनता के साथ लूट है।” उन्होंने आगे कहा कि समिति इस फैसले के खिलाफ जन अभियान चलाएगी और मांग करती है कि सरकार इन जनविरोधी फैसलों को तत्काल वापस ले, अन्यथा व्यापक जनविरोध का सामना करना पड़ेगा।

इसके साथ ही, समिति ने वोकेशनल टीचर्स के मुद्दे को भी उठाया, जो लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। समिति की कोषाध्यक्ष आशा शर्मा ने बताया, “वोकेशनल टीचर्स की मांग है कि उनकी लूट के लिए बैठाई गई कंपनियों को हटाया जाए। ये कंपनियां केवल हाजिरी लेकर 14% प्रति माह कमीशन ले रही हैं, जबकि यह पैसा सरकार के खजाने में जा सकता है।”
सहसचिव सेवती कमल और जिला कमेटी सदस्य अमिता चौहान ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह राज्य सरकार के विभागों को सीधे बजट का प्रावधान करे ताकि अध्यापकों को मानसिक तनाव से राहत मिले और बिचौलियों की लूट बंद हो।
जनवादी महिला समिति ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और कंपनियों के कॉन्ट्रैक्ट की लूट पर लगाम लगाए। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अपने विरोध को और तेज करेंगी।