नाहन : शहर पिछले लगभग एक सप्ताह से पेयजल संकट से जूझ रहा है। घरों तक पानी न पहुँचने से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि शहर के कई इलाकों में लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए परेशान हैं। वहीं, जल शक्ति विभाग के कर्मचारी लगातार दिन-रात खराब पाइपलाइनों को दुरुस्त करने के प्रयास में जुटे हैं।
दरअसल, गिरी उठाऊ पेयजल योजना की मुख्य सप्लाई लाइन पहाड़ी मलबे में बार-बार दबकर टूट रही है। बुधवार को भी भारी बारिश के चलते पहाड़ से आए मलबे ने इस पाइपलाइन को नुकसान पहुंचा दिया। इससे विभाग द्वारा किया जा रहा बहाली कार्य अधूरा रह गया। इसके बावजूद कर्मचारी लगातार जमीनी स्तर पर मेहनत कर रहे हैं।

विभागीय अधिकारियों ने वीरवार शाम जानकारी दी कि अगर मौसम ने साथ दिया तो शुक्रवार तक नाहन शहर की पेयजल आपूर्ति बहाल हो जाएगी। यह खबर शहरवासियों के लिए राहत भरी मानी जा रही है, क्योंकि पिछले कई दिनों से लोग वैकल्पिक इंतजामों पर निर्भर हैं।
इसी बीच, लोगों को मजबूरी में निजी टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि कुछ टैंकर कारोबारी पानी की किल्लत को अवसर में बदल रहे हैं और 2000 से 2500 रुपये तक की कीमत वसूल रहे हैं। इस स्थिति से नाराजगी भी बढ़ रही है।
मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच बयानबाज़ी तेज हो गई है। प्रशासन की ओर से भी शहर के कई हिस्सों में सरकारी टैंकर भेजे गए हैं ताकि लोगों को असुविधा न हो।
सबसे बड़ी बात यह है कि जल शक्ति विभाग के कर्मचारी बारिश और प्रतिकूल परिस्थितियों की परवाह किए बिना टूटे पाइपों की मरम्मत में जुटे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग के कर्मचारियों की लगातार डटे रहने वाली मेहनत काबिले तारीफ है, क्योंकि इन्हीं की बदौलत शुक्रवार से शहर में पेयजल आपूर्ति पटरी पर लौटने की उम्मीद है।