नाहन : जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मझौली गांव स्थित सड़क की हालत पिछले 20 वर्षों से बरसात के मौसम में बदतर बनी हुई है। बारिश के समय सड़क पर चलना इतना मुश्किल हो जाता है कि पैदल भी गुजरना चुनौती बन जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह समस्या हर साल सामने आती है, लेकिन समाधान अब तक नहीं हो पाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले इस सड़क के एक हिस्से में सेना की भूमि को लेकर विवाद था, लेकिन दो साल पहले सेना ने इस सड़क निर्माण के लिए अनुमति दे दी थी। यहां तक कि केंद्र सरकार से सड़क निर्माण हेतु राशि भी संबंधित विभाग को दी जा चुकी है, लेकिन काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

स्थानीय जनता ने बताया कि वे कई वर्षों से लोक निर्माण विभाग (PWD), प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सड़क को पक्का करने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। मजबूरी में लोग आपस में चंदा इकट्ठा करके या खुद मेहनत करके सड़क की मरम्मत करवाते हैं।
18 अगस्त 2025 से स्कूल खुलने वाले हैं और अभिभावकों के सामने सबसे बड़ी चिंता यह है कि बच्चे इस जर्जर सड़क को कैसे पार करेंगे। ग्रामवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि बरसात के बीच राहत कार्य के तहत इस सड़क को प्राथमिकता से पक्का करवाया जाए, ताकि आवागमन सुचारू हो सके और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।