नाहन : हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लाइज, इंजीनियर व पेंशनर्ज की जॉइंट एक्शन कमेटी (JAC) की जिला सिरमौर इकाई ने बोर्ड प्रबंधन द्वारा की जा रही कथित मनमानी और प्रताड़ना के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है।
आज नाहन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में जॉइंट एक्शन कमेटी ने अपनी मांगों और समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की। इस अवसर पर बिजली बोर्ड कर्मचारियों और पेंशनर्स ने बोर्ड प्रबंधन द्वारा अपनाए जा रहे सौतेले व्यवहार पर गहरी चिंता जताई और कहा कि लंबे समय से कर्मचारियों की जायज़ मांगों को अनदेखा किया जा रहा है।

जिला इकाई ने विशेष रूप से जॉइंट एक्शन कमेटी के संयोजक इंजीनियर लोकेश ठाकुर और सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा के खिलाफ की गई विभागीय कार्रवाई को ट्रेड यूनियन अधिकारों पर सीधा हमला बताया है। बताया गया कि 20 जुलाई, 2025 को हमीरपुर में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक के बाद जॉइंट एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने मीडिया से बातचीत कर कर्मचारियों की समस्याओं और बोर्ड में पनप रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बोर्ड प्रबंधन ने आनन-फानन में दोनों पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
आरोप है कि रविवार के दिन स्टेशन लीव न लेने और मीडिया से बात करने को आधार बनाकर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया। जवाब देने के कुछ घंटों के भीतर ही दोनों पदाधिकारियों का तबादला कर उन्हें अध्यक्ष और निदेशक (वित्त) के कार्यालयों में अटैच कर दिया गया। इतना ही नहीं, अगले ही दिन उन्हें “मेजर पेनल्टी” के तहत चार्जशीट जारी कर दी गई।
JAC का आरोप है कि यह सारी प्रक्रिया बेहद जल्दबाज़ी और गोपनीय तरीके से बोर्ड अध्यक्ष व निदेशक वित्त के कार्यालय में पूरी की गई और संबंधित कर्मचारियों से जबरन हस्ताक्षर करवाए गए। इस कार्यवाही को कर्मचारियों की आवाज़ को दबाने का प्रयास बताया गया है।
जॉइंट एक्शन कमेटी ने बोर्ड प्रबंधन के रवैये की कड़ी निंदा करते हुए चार प्रमुख मांगें रखी हैं। उन्होंने मांग की कि दोनों पदाधिकारियों के खिलाफ जारी की गई चार्जशीट को तुरंत रद्द किया जाए और उन्हें उनके पूर्व कार्यस्थलों पर बहाल किया जाए। साथ ही बोर्ड कार्यालयों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति बहाल की जाए, जिसे पहले प्रबंधन द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। कमेटी ने यह भी मांग की कि बिजली बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त, जिला पंचायत के माध्यम से उठाई गई कर्मचारियों की मांगों पर शीघ्र बैठक बुलाकर समाधान निकाला जाए।
जॉइंट एक्शन कमेटी ने साफ किया है कि यदि प्रबंधन वर्ग दो सप्ताह के भीतर सभी आदेश वापिस नहीं लेता और वार्ता के लिए नहीं बुलाता तो 7 अगस्त को शिमला में राज्यस्तरीय विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में कर्मचारी, अभियंता, पेंशनर और आउटसोर्स कर्मी शामिल होंगे। इसके बाद राज्यव्यापी आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
इस अवसर पर नाहन के महासचिव कमलेश पुंडीर, JAC पांवटा के जिला संयोजक पूर्ण ठाकुर, PWA पांवटा के उपाध्यक्ष धनवीर सिंह, PWA नाहन के प्रधान शमशेर ठाकुर , हंस राज , भगवान दास , इम्तियाज, रोशन लाल, सनवीर तोमर व शंभू दत्त और रोशन लाल भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।