नाहन : गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ नाहन विधानसभा क्षेत्र की कई पंचायतों में पीने के पानी का संकट गंभीर रूप लेता जा रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। पानी की इसी समस्या को लेकर सुरला, भरोग बनेड़ी, लाना कोटला, चासी और कांडो गांव के सैकड़ों लोग मंगलवार को अधीक्षण अभियंता कार्यालय पहुंचे।
पूर्व विधायक डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में पहुंचे ग्रामीणों ने जल शक्ति विभाग के खिलाफ विरोध जताते हुए समाधान की मांग की। डॉ. बिंदल ने कहा कि कई क्षेत्रों में तीसरे दिन केवल 10 मिनट के लिए पानी दिया जा रहा है, जोकि भीषण गर्मी में नाकाफी है। उन्होंने विभाग पर “पिक एंड चूज़” की नीति अपनाने का आरोप लगाया, जिससे कई परिवारों को जानबूझकर पानी से वंचित किया जा रहा है।

पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रीत मोहन शर्मा ने कहा कि विभागीय भेदभाव के कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ गांवों में राजनीतिक आधार पर पानी की आपूर्ति हो रही है, जिससे जनता में भारी आक्रोश है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में सड़क जाम कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और विभाग की होगी।
ग्रामीणों ने जल संकट के समाधान को लेकर प्रशासन और जल शक्ति विभाग के समक्ष कई अहम माँगें रखीं। उन्होंने आग्रह किया कि सभी प्रभावित पंचायतों में नियमित और समान रूप से जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी गांव या परिवार के साथ भेदभाव न हो।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में विभाग की ओर से कुछ विशेष लोगों या क्षेत्रों को प्राथमिकता देकर पानी वितरित किया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी माँग की कि विभाग की “पिक एंड चूज़” नीति पर तुरंत रोक लगाई जाए और सभी क्षेत्रों में पारदर्शी प्रणाली के तहत पानी की आपूर्ति हो। ग्रामीणों ने इस संकट का स्थायी समाधान निकालने के लिए एक दीर्घकालिक योजना की मांग भी की है, ताकि हर वर्ष गर्मियों में लोगों को ऐसी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि संकट की इस घड़ी में संवेदनशीलता दिखाते हुए जल संकट को प्राथमिकता पर हल किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।