नाहन : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सिरमौर द्वारा आज मंगलवार को नाहन में संभावित आपदा के दृष्टिगत भवनों की रिपेयर और रेट्रोफिटिंग पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एल.आर. वर्मा ने इस कार्यशाला की अध्यक्षता बतौर मुख्य अतिथि की।
एल.आर. वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे इस एक दिवसीय कार्यशाला से सिरमौर जिला में विस्तृत संभावित आपदा के दृष्टिगत नये भवनों के निर्माण और पुराने भवनों की रेट्रोफिटिंग पर अच्छी और मूल्यवान जानकारी सांझा की गई है।
एल. आर. वर्मा ने कहा कि हिमाचल आज भी 4 अप्रैल 1905 को कांगड़ा में आया भूकंप नहीं भूला है जिसमें करीब 20 हजार लोगों की जाने गई थी, इसके साथ ही लगभग 50,000 मवेशी तथा एक लाख से अधिक घर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे व लाखों रूपये का नुकसान आंका गया था। उन्होंने कहा कि आज के संदर्भ में यदि बात करें तो जान- माल के नुकसान का यह आंकड़ा लाखों में हो सकता है।
एल.आर. वर्मा ने केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की से आये विशेषज्ञों का सिरमौर पधारने पर आभार जताया और आशा जताई कि उनके मार्गदर्शन में जिला में विभिन्न विभागों में इंजिनियरिंग के क्षेत्र में कार्यरत तकनीकी अधिकारियों को इस कार्यशाला से लाभ मिलेगा। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इस कार्याशाला का लाभ उठाने का आग्रह किया तथा सभी से इस बहुमूल्य जानकारी को अपने सहयोगियों एवं विभाग के विशेषज्ञों के साथ भी सांझा करने का आग्रह किया।
केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की के विशेषज्ञ आर्किटेक्ट एस. के. नेगी, डा. अजय चौरसिया, आशीष कपूर ने आपदा के दृष्टिगत नये भवनों की निर्माण प्रक्रिया के विभिन्न तकनीकी स्तरों जैसे प्लान, मेटिरियल, आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने पुराने भवनों की रिपेयर और रेट्रोफिटिंग के बारे में भी विस्तार से बताया। इसके साथ ही उन्होंने भूकंप के दृष्टिगत जिला में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के संबंध में भी तकनीकी ज्ञान प्रतिभागियों को प्रदान किया ताकि एक अच्छी एवं प्रभावशाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जिला में तैयार की जा सके।
जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान ने कार्यशाला का संचालन करते हुए विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की।
इस कार्यशाला में आपदा प्रबंधन, लोक निर्माण, जल शक्ति विभाग, नगर एवं ग्राम योजनाकार, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य, हिमुडा, ग्रामीण विकास, शहरी निकाय, पंचायती राज विभाग, संबंधित समस्त उपमंडल अधिकारी कार्यालय तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के इंजिनियरिंग वर्कस, आर्किटेक्चर वर्कस के प्रभारियों व अधिकारियों ने भाग लिया।