नाहन से सटे गांवों में बाघ-तेंदुए का आतंक, मवेशियों पर बढ़े हमले, ग्रामीणों में दहशत

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By पंकज जयसवाल

नाहन : उपमंडल के गांव तालों, सेरटा, बोहला और नगोली में इन दिनों बाघ और तेंदुए का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। जंगली जानवर अब केवल जंगल तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि रात के साथ-साथ दिन और सुबह-शाम को भी ग्रामीण क्षेत्रों में घरों और पशुशालाओं के पास देखे जा रहे हैं। इससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।

ग्रामीणों ने बताया कि बाघ और तेंदुआ कई बार लोगों के घरों के पास से होकर गुजरते देखा गया है। हाल ही में नगोंली गांव के जोगेंद्र सिंह के दो बकरे और एक बकरी को बघेरा उठा ले गया। इसके अलावा, क्षेत्र में कई लोगों के पालतू कुत्ते भी इन जंगली जानवरों का शिकार हो चुके हैं।

बाघ-तेंदुए का आतंक

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है और अब यह और गंभीर रूप ले चुकी है। लोगों का कहना है कि वे रात को घरों से बाहर निकलने से डरते हैं, वहीं पशुपालकों के मवेशियों पर लगातार खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय लोगों जसवंत, अरुण, भागचंद, वीरेंद्र कपूर, शेर सिंह, महिला मंडल प्रधान पार्वती कौशल्या, प्रमिता, हेमा, बीना, अंजू, शकुंतला सहित जनवादी महिला समिति की कोषाध्यक्ष आशा शर्मा और पूर्व राज्य अध्यक्ष संतोष कपूर ने संयुक्त रूप से प्रशासन व वन विभाग से मांग की है कि क्षेत्र में बाघ और तेंदुए की समस्या का जल्द समाधान किया जाए।

उन्होंने कहा कि अगर विभाग ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो ग्रामीण आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने मांग की है कि या तो इन जंगली जानवरों को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए, या फिर प्रभावित गांवों में सुरक्षा उपाय बढ़ाए जाएं।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।