नाहन : हिमाचल प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के फैसले के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध तेज़ हो गया है। हिमाचल किसान सभा, सिरमौर इकाई ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता को एक मांग पत्र सौंपते हुए नीति को तत्काल वापस लेने की मांग की। सभा ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने अपनी निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो 11 सितंबर को जिला मुख्यालय नाहन स्थित बिजली बोर्ड कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
सभा के महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाना सरकार का किसान, मज़दूर और गरीब जनता विरोधी कदम है। उनके अनुसार, इस नीति से आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जाएगा, जिससे गरीब परिवारों के घरों में अंधेरा छा सकता है। ठाकुर ने कहा कि किसानी में बिजली का महत्त्वपूर्ण योगदान है और यदि इसका उपयोग बाधित हुआ तो कृषि क्षेत्र पर गहरा असर पड़ेगा।

सभा का आरोप है कि स्मार्ट मीटर नीति का उद्देश्य आम जनता का हित साधना नहीं, बल्कि बड़ी निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाना है। ठाकुर ने कहा कि यह फैसला बिजली सेवा के निजीकरण की ओर पहला कदम है और इससे बिजली बोर्ड के रोजगार के अवसर भी प्रभावित होंगे। उन्होंने इसे “पूंजीपतियों के हित में बनाई गई साजिश” करार दिया।
सभा ने साफ किया है कि यह लड़ाई केवल किसानों और मजदूरों की नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की जनता की है। मांग पत्र के जरिए सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि यदि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से बंद नहीं किया गया तो 11 सितंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान और मजदूर शामिल होंगे।