कुल्लू : तीर्थन घाटी की दूर दराज नवगीत ग्राम पंचायत पेखड़ी के नाहीं गांव की सुजाता मैहता उम्र 29 वर्ष पत्नी रूपेन्द्र कुमार को सुबह अचानक पेट में दर्द हुआ जिस कारण वह बेहोश हो गई। उसके परिजनों ने काफी घरेलू उपचार करने की कोशिश की लेकिन सुजाता का दर्द कम नहीं हुआ। गांव में कोई स्वास्थ्य सुविधा न होने के कारण दिन को ग्रामीणों ने बीमार सुजाता मैहता को तीन किलोमीटर पैदल पहाड़ी रास्ते से पालकी में उठाकर पेखड़ी सड़क मार्ग तक पहुंचाया जहां से उसे निजी वाहन द्वारा इलाज के लिए बंजार ले जाया गया।
नाहीं गांव के बाशिन्दों लोभु राम, दुर्गा दास, दिले राम, गोपाल चन्द, इंद्र सिंह शलाठ, घनश्याम, रमाकांत शलाठ, जगदीश, सचिन, रिंकू, बेगी राम, संजय कुमार और रमेश शलाठ आदि का कहना है कि पहले भी इस तरह की समस्या आ चुकी है। जिस कारण उन्हें मरीजों को पालकी में उठाकर ही सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां कोई भी दवाखाना या सरकारी डिस्पेंसरी नहीं है लोगों को सर्दी जुकाम की दवा लेने के लिए भी करीब 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
नोहाण्डा पंचयात से अलग हुई पेखड़ी पंचायत के गांव दारन, शूंगचा, घाट, लाकचा, नाहीं, बाईटी, शालींगा, टलींगा, नडाहर, लुढार और गदेहड़ आदि गांव के सैंकड़ों लोग अभी तक सरकार व प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे है कि कब उनकी देहलीज तक भी सड़क पहुंचे।