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निर्वासित तिब्बत सरकार की 52वीं वर्षगांठ पांवटा साहिब से नाहन तक बाइक रैली

नाहन: निर्वासित तिब्बत सरकार की 52वीं वर्षगांठ के अवसर पर तिब्बत यूथ व क्षेत्रीय तिब्बत महिला संगठनों की सिरमौर इकाई ने वीरवार को पांवटा साहिब से नाहन तक एक बाइक रैली निकाल कर चीन के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। अपने प्रदर्शन के दौरान तिब्बती युवकों ने महामहिम दलाई लामा के उस बयान से आहत नजर आए जिसमें महामहिम ने बढती उम्र का हवाला देकर तिब्बत की आजादी के संघर्ष सन्यास लेने की बात कही है।

महामहिम का यह बयान हाल ही में आया था। तिब्बतियों का कहना था कि महामहिम का नेतृत्व तिब्बतियों को हर हालत में चाहिए। उनका कहना था कि महामहिम की लंबी उम्र की कामना तिब्बत का हर व्यक्ति करता है। प्रदर्शन के दौरान तिब्बति संगठन के युवाओं ने कहा कि 10 मार्च 1959 के दिन लहासा में हजारों तिब्बति अपने धर्म गुरू के दर्शनों के लिए एकत्रित हुए थे उसी दिन चीन ने तिब्बतियों को देश छोडने पर मजबूर कर दिया था।

इस बात को आज 52 साल हो गए है। तिब्बतियों युवाओं ने कहा कि तिब्बति युवा महामहिम से बेहद लगाव रखता है लिहाजा महामहिम को अपने सर्वोच्च पद पर रह कर मार्ग दर्शन करना होगा, तभी 52 वर्षों से चल रहा संघर्ष समाप्त होगा। रैली के दौरान टीवाईसी के उपाध्यक्ष लोबसन ने कहा कि 10 मार्च 1959 के दिन लहासा में हजारों तिब्बति अपने धर्म गुरू के दर्शनों के लिए एकत्रित हुए थे उसी दिन चीन ने तिब्बतियों को देश छोडने पर मजबूर कर दिया था। टीवाईसी के उपाध्यक्ष लोबसन कहा कि तिब्बति युवा महामहिम से बेहद लगाव रखता है लिहाजा महामहिम को अपने सर्वोच्च पद पर रह कर मार्ग दर्शन करना होगा, तभी 52 वर्षों से चल रहा संघर्ष समाप्त होगा। इस बाइक रैली में करीब 50-60 तिब्बति युवाओं ने भाग लिया।

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