नौणी यूनिवर्सिटी ने महिलाओं को सिखाया लोकल उत्पादों से कमाई का हुनर

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By Hills Post

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सोलन और सिरमौर जिले की 60 महिलाओं को स्थानीय कृषि उत्पादों से जैम, अचार, चटनी, बुरांश का स्क्वैश और कीवी बार जैसे मूल्य वर्धित उत्पाद बनाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया है।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY-RAFTAAR) के तहत सोलन जिले की सलोगड़ा पंचायत और सिरमौर जिले की रजाना पंचायत में इन दो प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों के उद्यमशीलता और तकनीकी कौशल को बढ़ावा देकर कृषि प्रसंस्करण को एक लाभदायक आर्थिक गतिविधि बनाना था।

प्रशिक्षण के दौरान विभाग के वैज्ञानिकों ने महिलाओं को खाद्य संरक्षण की वैज्ञानिक विधियों, आधुनिक प्रसंस्करण तकनीकों और स्वच्छता संबंधी अभ्यासों की जानकारी दी। व्यावहारिक प्रदर्शन में प्रतिभागियों ने खुद विभिन्न उत्पाद तैयार किए, जिसमें गुणवत्ता नियंत्रण और FSSAI मानकों के पालन पर विशेष जोर दिया गया।

वैज्ञानिकों ने बताया कि फलों, सब्जियों, अनाज और दालों जैसे कच्चे उत्पादों में मूल्य संवर्धन से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है, बल्कि इससे स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

प्रशिक्षण के समापन सत्र में उत्पाद की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, लेबलिंग और बाजार से जुड़ाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की गई, ताकि महिलाएं कृषि-प्रसंस्करण को एक सफल और टिकाऊ व्यावसायिक उद्यम में बदल सकें।

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