सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के पर्यावरण विज्ञान विभाग ने जलवायु परिवर्तन पर राज्य मानव विकास रिपोर्ट के निर्माण पर केंद्रित परामर्श बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में जलवायु-लचीले मानव विकास के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए जानकारी जुटाना था।

इस सत्र में हिमाचल प्रदेश सरकार के पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीईएसटीएंडसीसी) के मुख्य वैज्ञानिक सह सदस्य सचिव डॉ. सुरेश अत्री के साथ-साथ विशेषज्ञों की एक टीम और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों में पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख और राज्य मानव विकास रिपोर्ट पहल के समन्वयक डॉ. एस.के. भारद्वाज, संकाय सदस्य, विषय विशेषज्ञ और पीएचडी विद्वान शामिल थे।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक अनुसंधान डॉ. विशाल राणा और खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख डॉ. राकेश शर्मा ने भी बदलती जलवायु परिस्थितियों में सतत विकास पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।
अपने स्वागत भाषण में डॉ भारद्वाज ने जलवायु प्रभाव अनुसंधान में विभाग के चल रहे काम पर प्रकाश डाला और एक कार्रवाई योग्य खाका की आवश्यकता पर बल दिया, जो वैज्ञानिक समझ को जमीनी हकीकत से जोड़ता हो। चर्चा कृषि, बागवानी और वानिकी क्षेत्रों में क्षेत्र-विशिष्ट कमजोरियों और अनुकूली रणनीतियों पर केंद्रित थी। डॉ विशाल राणा ने एक प्रभावी अनुकूलन रणनीति के रूप में फलों की फसल विविधीकरण के महत्व को रेखांकित किया।
केंद्रित परामर्श के दौरान, डॉ अत्री और यूएनडीपी टीम ने रिपोर्ट में वैज्ञानिक और सामुदायिक-स्तर दोनों इनपुट को शामिल करने के लिए विद्वानों के साथ सीधे संपर्क किया। उन्होंने विभाग की सक्रिय पहलों को स्वीकार किया और कहा कि व्यापक भागीदारी और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में इसी तरह के परामर्श आयोजित किए जा रहे हैं।
अपने समापन भाषण में, डॉ अत्री ने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और सहयोगात्मक कार्रवाई के माध्यम से समावेशी, जलवायु-लचीला विकास को आगे बढ़ाने के लिए DEST&CC और UNDP की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रतिभागियों में डी पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग से सिमरन अग्रवाल, मोनिका और दुनी चंद के साथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ हुकम चंद, डॉ प्रतिमा, डॉ कार्तिकेय, डॉ पूर्णिमा मेहता, डॉ पंकज शर्मा, डॉ प्रमोद वर्मा और डॉ संजीव कुमार शामिल थे।