बैतूल (रामकिशोर पंवार) मध्यप्रदेश की भगवा सरकार के राज में अब राज्य, जिला व तहसील स्तर पर पत्रकारों को दी जाने वाली अधिमान्यता की दुकान इन दिनों समूचे बैतूल जिले में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस समय बैतूल जिला जन सम्पर्क कार्यालय में पदस्थ लेखापाल ने अपने भोपाल स्थित जन सम्पर्क संचनालय में पदस्थापना के बाद जिले में एक दर्जन से अधिक पत्रकारो को मोटी रकम लकर अधिमान्यता दिला दी है। इस समय पूरे जिले में तहसील, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर पत्रकारों को अधिमान्यता दिलवाने के रेट बकायदा तय हो चुके हंै उसके अनुसार उक्त बैतूल जिले के निवासी भोपाल में पदस्थ कर्मचारी द्वारा जिले भर में वसूली की जा रही है। जिले में बीते तीन दशक में जितने पत्रकारों को अधिमान्यता नहीं मिली उससे चार गुना अधिमान्यता बीते तीन माह में बैतूल जिले के पत्रकारों को मिल चुकी है।
इस अधिमान्यता में बकायदा एक ही समाचार पत्रों के पत्रकारों को उपकृत करने का काम संभागीय अधिमान्यता समिति के जिस सदस्य द्वारा किया गया है उसके खिलाफ बैतूल न्यायालय में जालसाजी का प्रकरण विचाराधीन है। बैतूल जिले में अधिमान्यता का चक्कर यह है कि प्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री तक पत्रकारों की अधिमान्यता के परिचय पत्र साथ लाते है। जब इस मामले को लेकर •ुछ पत्रकार पूर्व में बैतूल आये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के समक्ष अपना विरोध जतलाते है तो उन्हे भी अधिमान्यता दकर उपकृत किया जाता है। बैतूल जिले में चल रहा अधिमान्यता का गोरखधंधा कब बंद होगा यह तो जन सम्पर्क मंत्री एवं जन सम्पर्क विभाग ही जाने लेकिन अधिमान्यता के नाम पर वसूली का दौर बेखौफ जारी है।