पर्यारण संरक्षण पर व्यय होंगे एक हजार करोड़: रवि

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धर्मशाला: प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण करने के दृष्टिगत शीघ्र ही मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है तथा केन्द्र सरकार से पर्यावरण संरक्षण एवं विकास हेतू एक हजार करोड़ रूपये की राशि को सैद्धांन्तिक रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तथा इस परियोजना को विश्व बैंक की स्वीकृबति हेतू भेजा गया है।

यह जानकारी सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री रविन्द्र सिंह रवि ने सोमवार को थुरल विधानसभा क्षेत्र के गांव औच में वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत पीपल और बड का पौधा रोपित करने के उपरान्त एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए दी। इस अवसर पर 200 से अधिक पौधों का रोपण किया गया।

श्री रवि ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व बन गया है क्योंकि पारिस्थितिकीय असन्तुलन होने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण करना अत्यन्त आवश्यक है तथा सरकार द्वारा औषधीय पौधों के रोपण पर विशेष बल दिया जा रहा है जोकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों के लिए आय का साधन भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ छेडछाड के परिणाम भयावह बन सकते हैं। उन्होंने लेह में बादल फटने की त्रासदी का उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि थुरल विधानसभा का चंगर क्षेत्र पिछड़ा हुआ है तथा इस क्षेत्र में विकास वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुआ है। उन्होनें कहा कि चंगर क्षेत्र के अधिकतर गांवों को सड़कों से जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि चंगर क्षेत्र में 10 करोड़ 65 लाख रूपये की लागत से कुड-जरूंडी-औच-गलोटी, जरूंडी-स्योरबाला तथा चौकी-कासर सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जबकि 13 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से जांगल-औच-कलां, लारू-धार-लाहर-लंगा, स्योरापुल और गलोटी-जुजपुर-स्योटी आदि सड़कों का निर्माण कार्य युद्व स्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि 18 करोड़ की डगली- लाहड़, बुली-स्योरबाला रोड़, कोना-पीरी-नाहलियां रोड़, बलारा-बन्दरू-बरवाला-जरूड़ी, टीहरी-औच रोड़ को नावार्ड के तहत स्वीकृति हेतू भेजा गया है।