नाहन: सीपीएस एवं पांवटा के विधायक चौधरी सुखराम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ कर रख दी हैं। कृषि विभाग जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठकर सीपीएस ने किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को भी भ्रष्टाचार के दलदल में लाकर खड़ा कर दिया है। यह बात नाहन के कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व प्रत्याशी एवं कांग्रेसी नेता किरनेश जंग ने कही। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीपीएस सुखराम चौधरी ने लाखों की सब्सीडी अपने नाम की है।
उन्होंने कहा कि सुखराम चौधरी ने अपने गांव अमरगढ़ में ट्यूबबैल लगाने के लिए चार लाख के करीब सब्सीडी ली है। जिसमें उन्होंने पुराने ट्यूबबैल को ही कागजों में दिखाया है। यहां पर किसी भी नए ट्यूबबैल का निर्माण नहीं किया है। यही नहीं इसके लिए बिजली के मीटर का क्नेकशन भी वर्ष 2008 में अपने नाम ही लिया है। जो कि डोमेस्टिक है। जबकि नियमों के मुताबिक जब तक कृषि के एग्रीकल्चर के नाम पर मीटर न लगा हो तब तक सब्सीडी का प्रावधान नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि सुखराम चौधरी ने अपने भाई दयाराम के नाम पर भी ट्यूबबैल के लिए एक लाख रुपए की सबसीडी ली है।
साथ ही स्प्रिंकल्स इरीगेशन के लिए भी सीपीएस ने डेढ़ लाख के करीब की सब्सीडी अपने नाम की है। इसमें भी धांधली हुई हैं। उन्होंने इस गोलमाल के दास्तावेज भी पत्रकारों को वितरित किए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को कांग्रेसी विधायकों के मार्फत विधानसभा में उठाएंगे। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस बारे में छानबीन की मांग करेंगे। इस मौके पर पांवटा ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष सुरजीत सिंह व प्रेमपाल उपस्थित थे।