नाहन : शिलाई उपमंडल के नेतर सिंह, गांव जास्वी पंचायत अदरौली (तहसील शिलाई) की एक महिला को प्रसव के बाद हालत बिगड़ने पर सिविल अस्पताल पांवटा साहिब से नाहन रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। नाहन पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह दर्दनाक घटना पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल रही है।
परिवार के अनुसार, महिला को 24 अक्तूबर की रात करीब 3 बजे सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में भर्ती करवाया गया था। 25 अक्तूबर की सुबह करीब 7 बजे उसका प्रसव हुआ, जिसमें उसने एक बेटी को जन्म दिया। पहले से उसकी तीन बेटियां थीं। लेकिन प्रसव के बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई।

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में कोई वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद नहीं था, क्योंकि मुख्य चिकित्सक पिछले 15 दिनों से छुट्टी पर हैं। स्टाफ ने महिला की गंभीर हालत को नज़रअंदाज़ किया और देर रात लगभग 10 बजे उसे नाहन मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
परिजनों ने बताया कि नाहन पहुंचने से पहले ही महिला की सांसें थम गईं, और मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है — चार छोटी बेटियां अब मां के साए से वंचित हो गई हैं।
यह घटना उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के विधानसभा क्षेत्र शिलाई से संबंधित है। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है; सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में डॉक्टरों की कमी और लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
ग्रामीणों और परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से न्याय की मांग की है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो।