शिमला: प्रदेश पुलिस बल में 1300 नयी भर्तियां की जाएंगी तथा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के लिए एक प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज जिला कांगड़ा के डरोह स्थित पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में 11वीं पासिंग आउट परेड समारोह, को संबोधित करते हुए दी। प्रशिक्षण कॉलेज डरोह से 559 प्रशिक्षुओं, जिनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं, ने प्रशिक्षण पूरा किया। परेड का नेतृत्व श्री सुशांत कुमार ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस बल को और मजबूत बनाया गया है तथा प्रदेश में अधिक रिजर्व बटालियनें स्थापित की गयी हैं। गत तीन वर्षों में 2490 युवाओं को राज्य पुलिस में प्रवेश तथा अन्य पदोन्नति लाभ प्रदान दिए गए हैं, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। 99 युवाओं की सब इंस्पैक्टर पदों पर भरती की गयी है, 55 को विभिन्न राजपत्रित श्रेणियों पर पदोन्नति दी गयी, 185 निरीक्षक, 311 उप-निरीक्षक, 473 सहायक उप निरीक्षक और 1037 कांस्टेबलों को पदोन्नत किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीधी भरती से आने वाले उन 50 प्रतिशत कांस्टेबलों को पदोन्नति देने का निर्णय लिया है, जो बी-1 टैस्ट पास कर चुके हैं। जबकि शेष 50 प्रतिशत को मैरिट व वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति दी जाएगी।
प्रो. धूमल ने कहा कि अत्याधुनिक मशीनरी व उपकरण उपलब्ध करवाकर राज्य पुलिस का आधुनिकीकरण करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गत तीन वर्षों में पुलिस के आधुनिकीकरण, पुलिस थानों की स्थापना, वाहन सुविधा, प्रशिक्षण, संचार, सुरक्षा व अन्वेषण विज्ञान प्रयोगशाला इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर 29 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। राज्य पुलिस को और अधिक सशक्त, आधुनिक एवं व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को तीन रिजर्व बटालियनों की स्थापना करने में सफलता प्राप्त हुई है, जिनमें से 5वीं आई.आर.बी. महिला बटालियन है, जो सकोह में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। यह राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि ‘बेटी अनमोल है’ केवल एक नारा नहीं है बल्कि राज्य में महिला आई.आर.बी. की स्थापना से इसे मूर्त रूप दिया गया है। प्रदेश में महिला बटालियन की भर्ती प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर पुलिस सरकार की छवि बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पर्यटकों का प्रमुख केन्द्र होने के कारण हिमाचल प्रदेश देश-विदेश के सैलानी भारी संख्या में आते हैं, जिसके कारण पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्हांेने कहा कि अपनी शिकायतों के साथ पुलिस थानों में आने वाले लोगों की तरफ पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए तथा बिना किसी भेदभाव के उन्हें हर संभव सेवा प्रदान की जानी चाहिए। पुलिस का अच्छा व्यवहार विश्व के सुदूर कोने तक एक अच्छा संदेश पहुंचाएगा।
प्रो. धूमल ने कहा कि पुलिस कर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए वर्ष 2008-09 में 10 करोड़ रुपये व्यय किए गए तथा वर्ष 2009-10 में इसमें 50 प्रतिशत वृद्धि कर, इस राशि को 15 करोड़ रुपये किया गया। इसके अतिरिक्त जनजातीय उप योजना के अंतर्गत 1.38 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं जिससे राज्य में 225 आवासों के निर्माण की मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान इस कार्य के लिए 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है तथा जनजातीय उपयोजना के तहत 1.40 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चौथी आई.आर.बी. से पास आउट करने वालों के लिए 222 आवासों के निर्माण पर 5 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इस तरह गत तीन वर्षों में पुलिस कर्मियों के लिए कुल 700 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण पूरा करने वाली टुकड़ी को बधाई देते हुए उनके सुनहरे भविष्य की कामना की। उन्होंने कॉलेज में कल्याण एवं खेल गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपये का अनुदान, प्रशिक्षण हॉल की मरम्मत के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।
प्रो. धूमल ने कहा कि निरीक्षकों व उप निरीक्षकों को सीधे उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नति के अवसर दिए जाएंगे। पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज डरोह में अन्वेषण प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध करवायी जाएंगी तथा भविष्य में यहां वैज्ञानिक अधिकारी को भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने कॉलेज परिसर में वर्षा जल संग्रहण व जलापूर्ति के लिए 10 लाख रुपये की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कांस्टेबल किरन कुमारी को ऑलराउंड बैस्ट ट्रॉफी प्रदान की, जिन्हें ऑलराउंड आउटडोर बैस्ट भी चुना गया। कांस्टेबल सुशांत कुमार को दूसरे स्थान, कांस्टेबल बलवीर सिंह को इंडोर के लिए प्रथम, कांस्टेबल लोकेश कुमार को दूसरे, कांस्टेबल अवनीश कुमार को रेंज क्लासीफिकेशन और कांस्टेबल अश्वनी को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के लिए पुरस्कृत किया गया। हैड कांस्टेबल आशा राम को श्रेष्ठ इंस्ट्रक्टर का पुरस्कार प्रदान किया गया, जबकि इस श्रेणी में श्री विकास शर्मा को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।