शिमला: राज्य के पेंशनर्स की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त समन्वय समिति का गठन किया जाएगा इसके साथ ही पेंशनर कल्याण बोर्ड बनाने के लिए भी कारगर कदम उठाए जाएंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने रविवार को पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के द्वितीय अधिवेशन में बतौर मुख्यातिथि अपने संबोधन में दी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने अपने दो वर्षों के कार्यकाल में कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को 5000 करोड़ के विभिन्न वितीय लाभ प्रदान किए है। मुुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकारों ने हमेशा ही अपने पेंशनरों तथा कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं और सरकार ने सदैव पेंशनर्स की समस्याओं और जरूरतों को समझा है तथा उनकी न्यायोचित मांगों का समय समय पर निपटारा कर उनके जीवन को खुशहाल बनाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि पेंशनर्स एवं कर्मचारी सरकार का अभिन्न अंग हैं और प्रदेश के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है उनकी कार्यकुशलता और कार्य निष्ठा के कारण हिमाचल प्रदेश का चहुमुखी विकास संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को आज देश में पर्वतीय विकास का अग्रणी राज्य माना जाता है इसमें पेंशसर्न एवं कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कर्मचारियों तथा पेंसनर्स को भी कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उचित प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत तथा हिमकेयर योजनाओं में प्रदेश के एक लाख से अधिक लोगों के उपचार पर सौ करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत लोगों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए चालीस करोड़ रूपये व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाईलाज बीमारी से ग्रसित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए दो हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश की दशकों से लंबित समस्याओं का समाधान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को समाप्त करके कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक संविधान की संरचना की है। इसके साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम को पारित करके धार्मिक प्रताड़ना से ग्रसित लोगों को नागरिकता दिलाने की दिशा में मानवीय दृष्टिकोण अपनाया गया है उन्होंने कहा कि इससे ना तो किसी नागरिकता छिनी है और न ही किसी की नागरिकता को खतरा है।
उन्होंने कहा कि न्यू पैंशन स्कीम के अन्तर्गत सरकार द्वारा दिए जाने वाले अंशदान की वर्तमान दर 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत की गई है और इससे लगभग 80,000 कर्मचारी लाभान्वित हो रहे हैं तथा लगभग 175 करोड़ रुपये का वार्षिक अतिरिक्त व्यय सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
इससे पहले केंद्रीय राज्य वित मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान के लिए कारगर कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य किया है। सरकारी नौकरी के अलावा भी समाज के अन्य लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के साथ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि पेंशनर्स महासंघ की समस्याओं के समाधान के लिए दिल्ली में आवश्यक मीटिंग भी आयोजित की जाएगी।
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि वर्तमान सरकार ने दो वर्षों के सफल कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सम्मुख प्रस्तुत किया है। केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तथा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सरकार की पीठ थप-थपाई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में विकास के लिए शीर्ष पर रहने का गौरव प्राप्त है और शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्टेट आॅफ स्टेट्स का आवार्ड प्राप्त है।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएच सुरेश ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि अधिवेशन में 22 राज्यों के लगभग 200 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कर्मचारी एवं पूर्व कर्मचारी कल्याण के बोर्ड के अध्यक्ष एवं महासंघ के उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के कल्याणार्थ संवेदनशीलता से कार्य कर रही है और पूरे देश के अन्य राज्यों के पूर्व कर्मचारी भी हिमाचल माॅडल को अपनाना चाह रहे हैं। इस अवसर पर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ ने नागरिकता संशोधन विधयेक के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित किया।
इस अवसर पर सांसद किशन कपूर, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश ध्वाला, विधायक राकेश पठानिया, विधायक विक्रम जरयाल, विधायक मुल्ख राज प्रेमी, विधायक अरूण मेहरा, विधायक विशाल नैहरिया, विधायक अर्जुन ठाकुर, पूर्व विधायक प्रवीण, संजय चैधरी, सुरेंद्र काकू, महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष इंदू गोस्वामी, उपायुक्त राकेश प्रजापति तथा पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।