पेयजल और सिंचाई योजनाओं के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस सिस्टम

ज्वालामुखी (बिजेन्दर शर्मा) । प्रदेश में निर्मित की जा रही सभी पेयजल और सिंचाई योजनाओं के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने के लिए जीपीएस सिस्टम के साथ जोड़ा जाएगा ताकि हर व्यक्ति योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे त्वरित जानकारी प्राप्त कर सके।

यह जानकारी सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री रविंद्र रवि ने दी। रवि ने बताया कि सिंचाई सुविधाओं को बड़े पैमाने पर विकसित करने के दृश्टिगत प्रदेश में मुख्य अभियंता, सिंचाई बिंग का पृथक जोन खोलने पर विचार किया जा रहा है जोकि प्रदशे में सिंचाई की बेहतर व्यवस्था करने के लिए कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनेक मध्यम एवं बड़ी सिंचाई योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं जिसमें बिलासपुर जिले के चंगर क्षेत्र के लिए 88 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मध्यम सिंचाई योजना का लोकार्पण कर दिया गया है जिससे बिलासपुर के चंगर क्षेत्र की लगभग 2800 हैक्टेयर भूमि सिंचिंत होगी। उन्होंने बताया कि कांगड़ा जिला में 385 करोड़ रुपए की षाहनहर, 95 करोड़ रुपए की सिद्धाता तथा मंडी जिला में 104 करोड़ रुपए की बल्ह घाटी मध्यम सिंचाई योजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसे मार्च, 2012 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके अतिरिक्त नूरपुर क्षेत्र के लिए 205 करोड़ रुपए की फिन्ना सिंह सिंचाई योजना के तहत चालू वित्त वर्श 20 करोड़ रुपए की राषि व्यय की जा रही है। इसके अतिरिक्त हमीरपुर जिला के लिए 92 करोड़ रुपए की मध्यम सिंचाई परियोजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

रवि ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार द्वारा तीन नई पेयजल योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई है जिसमें सोलन जिला के गंबर पेयजल योजना के लिए 28 करोड़, बड़सर-नादौनता क्षेत्र के लिए 34 करोड़ रुपए की तथा मंडी जिला के गोपालपुर के लिए 28 करोड़ रुपए की पेयजल योजना स्वीकृत की गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में वर्श 1990 से लेकर वर्श 2007 तक 15 हजार हैंडपंप लगाए वहीं वर्तमान सरकार के साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में ही 8500 से ज्यादा हैंडपंप लगाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 8 हजार से अधिक पेयजल योजनाओं के माध्यम से लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है तथा जनवरी, 2011 तक प्रदेश में राश्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत 39893 बस्तियों में पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाई गई जबकि चालू वित्त वर्ष में 2500 बस्तियों में पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है।

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