नाहन: उपायुक्त सिरमौर श्री जीके श्रीवास्तव ने कहा कि ज़िला सिरमौर में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए लोगों की मानसिकता को बदलना होगा जिसके लिए सभी जन प्रतिनिधियों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं को आगे आकर इस अभियान को सफल बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ज़िला मे एक अप्रैल से 04 अप्रैल तक चलाए जा रहे विशेष स्वच्छता अभियान के तीसरे दिन को स्वच्छ वातावरण एवं शुद्धिकरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ज़िला की सभी 228 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच करने की प्रवृति को समाप्त कर सम्पूर्ण स्वच्छ बनाना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को ज़िला में तभी सफलता मिलेगी जब यहां के प्रत्येक ग्रामवासी अपनी पंचायत को स्वच्छ बनाने में अपने घरों में शौचालयों का निर्माण करें।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत अभी तक चार करोड़ 26 लाख रूपये व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि ज़िला सिरमौर में अभी तक 57 हजार व्यक्तिगत शौचालयों तथा ज़िला के स्कूलों में 632 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालयों में लड़कों एवं लड़कियों के लिए कम से कम एक-एक शौचालय एवं मूत्रालय निर्माण के लिए 20-20 हजार रूपये की राशि देने का प्रावधान किया गया है जिससे की विद्यार्थियों में स्वच्छता सुविधाओं की उपयोगिता के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। उन्होंने बताया कि इस अभियान के ज़िला सिरमौर में लागू होने के समय में किए गए आधारभूत सर्वेक्षणानुसार 19 प्रतिशत घरों में व्यक्तिगत शौचालय उपलब्ध थे जोकि प्रसार-प्रचार गतिविधियों के प्रभाव से बढ़कर 69 प्रतिशत हो गए है। उपायुक्त ने बताया कि ज़िला की 228 ग्राम पंचातयों में से 150 ग्राम पंचायतें खुले में शौचमुक्त घोषित की जा चुकी हैं जिनमें से 15 पंचायतों को महर्षि बाल्मीकी राज्य स्वच्छता पुरस्कार, 21 ग्राम पंचातयों को निर्मल ग्राम पुरस्कार दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार ने विकास खण्ड, ज़िला, मण्डल एवं राज्य स्तर पर प्रथम स्वच्छ पंचायतों के लिए क्रमशः एक लाख, तीन लाख, पांच लाख तथा 10 लाख रूपये की राशि का महर्षि बाल्मीकी सम्पूर्ण स्वच्छता राज्य पुरस्कार का प्रत्येक वर्ष दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।