प्रथम चरण की जनगणना का कार्य 7 अप्रैल से: मण्डलायुक्त

धर्मशाला: प्रदेश में प्रथम चरण की जनगणना-2011 का कार्य 7 अप्रैल,2010 से आरम्भ किया जायेगा। यह जानकारी मण्डलायुक्त, कांगड़ा, ओंकार शर्मा ने आज यहां जनगणना विभाग के सौजन्य से प्रथम मण्डल स्तरीय जनगणना-2011 पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दी।

मण्डलायुक्त ने बताया कि प्रथम चरण की जनगणना के दौरान मकान सूचीकरण एवं गणना तथा राष्ट्रीय जनसं या रजिस्टर को तैयार किया जायेगा । मण्डल के अधीन आने वाले तीन जिले कांगड़ा, चम्बा एवं ऊना में प्रथम चरण की गणना 7 अप्रैल से 22 मई,2010 तक किया जायेगा जबकि हिमाच्छादित क्षेत्र पांगी एवं भरमौर तथा कांगड़ा जिला की उप तहसील मुल्थान में पहली जून से 15 जुलाई, 2010 तक किया जायेगा जबकि दूसरे चरण के दौरान जनगणना हिमाच्छादित क्षेत्र में पहली सित बर से तथा अन्य क्षेत्रों में फरवरी, 2011 में किया जायेगा।

श्री ओंकार शर्मा ने कहा कि भारतीय जनगणना की समृद्व पर परा है व इसे विश्व की सर्वश्रेष्ठ जनगणना में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा कि जनगणना के आधार पर एकत्रित आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की पंचवर्षीय तथा वार्षिक योजनाओं के अलावा विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम आरम्भ किये जाते हैं, इसलिए जनगणना का सटीक एवं सही होना अति आवश्यक है।

मण्डलायुक्त ने बताया कि जनगणना कार्य की पर परा आदिकाल से प्रचलित है। उन्होंने ऋगवेद का उदाहरण देते हुए कहा कि 620 बी0सी0 में जनगणना का डाटा तैयार किया गया था, इसी प्रकार उन्होंने अर्थशास्त्री कौटिल्य तथा मुगल सम्राट अकबर इत्यादि द्वारा करवाई गई जनगणना के उदाहरण भी प्रस्तुत किये। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष में पहली जनगणना 1872 में की गई थी और उसके उपरान्त वर्ष 1881 में स पूर्ण देश में समकालीक जनगणना की गई थी और तभी से यह जनगणना कार्य का क्रम अब तक जारी रहा है।

श्री ओंकार शर्मा ने जानकारी दी कि कांगड़ा मण्डल के अन्तर्गत 6157 गांवों में प्रथम चरण का जनगणना कार्य आरम्भ किया जायेगा जिसके लिए 116 प्रधान जनगणना अधिकारियों के अतिरिक्त जिला जनगणना अधिकारी, अतिरिक्त जिला जनगणना अधिकारी, उपमण्डल जनगणना अधिकारी, चार्ज जनगणना अधिकारी तथा सहायक जनगणना अधिकारी नियुक्त किये गये हैं। उन्होंने बताया कि फिल्ड में जनगणना कार्य के लिए 5526 प्रगणक व परिवेक्षक लगाये गये हैं जिन्हें 114 मास्टर टे्रनरों द्वारा 36 स्थानों पर 26 मार्च से 5 अप्रैल,2010 तक दो चरणों में प्रशिक्षित किया जायेगा।

मण्डलायुक्त ने कार्यशाला में आये सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनगणना के मापदण्डों के अनुरूप सही एवं सटीक जनगणना का कार्य करें ताकि सही आकलन होने पर प्रदेश के लिए जनहित में सरकार द्वारा और बेहतर योजनायें बनाई जा सकें।

निदेशक, जनगणना विभाग, बलवीर टेगटा ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में जनगणना कार्य को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जायेगा तथा मण्डल स्तरीय कार्यशाला 11 मार्च को मण्डी में तथा 16 मार्च को शिमला में आयोजित की जायेगी जिसमें अधिकारियों को जनगणना कार्य सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी।

श्री बलवीर टेगटा ने बताया कि मकान सूचीकरण एवं गणना का कार्य बहुत महत्व एवं असीम उपयोगिता का है, इस गणना से प्रदेश के आवास की स्थितियों एवं आवास की कमी के विस्तृत आंकडे उपलब्ध होंगे।

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