संवाददाता

प्रदेश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 64वां स्वतंत्रता दिवस

शिमला: 64वां स्वतंत्रता दिवस समारोह प्रदेश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्य, ज़िला और उप-मंडल स्तर पर समारोह आयोजित किए गए। राष्ट्रीय ध्वजारोहण, पुलिस, होम गार्ड व एन.सी.सी की टुकड़ियों द्वारा मार्च पास्ट तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोह के प्रमुख आकर्षण रहे।

राज्य स्तरीय समारोह

राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह मंडी ज़िला के करसोग मंे आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने की। उन्हांेने राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस, होम गार्ड और एन.सी.सी की टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड का नेतृत्व डीएसपी प्रवीण धीमान ने किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने ऐसी विघनकारी ताकतों के नापाक इरादों को परास्त करने का आह्वान किया जो अपने निहित स्वार्थों के लिए देश की एकता और अखंडता के लिए समय पर खतरा पैदा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने उन स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर देश को स्वतंत्र करवाया। उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि सभी बातों से ऊपर उठकर देश की एकता एवं अखण्डता को बनाया रखा जाए।

प्रदेश के तीव्र विकास और जन कल्याण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने इस अवसर पर किसानों, विद्यार्थियों, महिलाओं एवं अन्य वर्गांे के लिए कई घोषणाएं भी कीं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कर्मचारियों एवं पैंशनरों को जनवरी, 2010 से देय मंहगाई भत्ते की 8 प्रतिशत किस्त देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अगस्त माह के वेतन से यह किस्त नक्द प्रदान की जाएगी, जबकि जनवरी से जुलाई तक की बकाया राशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा होगी। सरकार के इस निर्णय से राज्य के लगभग तीन लाख कर्मचारी तथा एक लाख पैंशनर्स लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी को प्रथम अक्तूबर, 2010 से 110 रुपये से बढ़ा कर 120 रुपये करने की घोषणा की। इस बढ़ोतरी से अन्य श्रेणी की न्यूनतम दिहाड़ी में भी अनुपातिक वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की ओपीडी में बीपीएल परिवारों के लिए 38 किस्म की दवाइयां निःशुल्क प्रदान करने कीघोषणा भी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रत्येक पंचायत में ‘कृषक मित्र’ का चयन किया जाएगा जो कृषि विभाग और किसानों के बीच एक सम्पर्क के रूप में कार्य करेगा। प्रदेश सरकार उसे सालाना 4000 रुपये देने के साथ-साथ कृषि तकनीकों और विस्तार के बारे में प्रशिक्षण भी देगी। वह किसानों को कृषि विभाग द्वारा उनकी बेहतरी के लिए कार्यान्वित की जा रहीं विभिन्न योजनाओं के बारे में शिक्षित करेगा।

मुख्यमंत्री ने आगामी 25 सितंबर से प्रथम चरण में प्रदेश की 80 पंचायतों में पशु चिकित्सा संस्थान आरंभ करने की घोषणा भी की और कहा कि बजट में ‘मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना’ के अंतर्गत आगामी तीन वर्षांे में 1200 पंचायतों में चरणबद्ध मुख्यमंत्री ने कांगड़ा, चंबा और मण्डी जिलों के भेड़ पालकों के लिए ‘भेड़ पालक समृद्धि योजना’ की घोषणा की। इसके अंतर्गत प्रत्येक भेड़ पालक को 40 भेडे़ं और दो मेढ़े खरीदने के लिए एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें से 33 प्रतिशत राशि उपदान के तौर पर दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में ‘हर गांव की कहानी’ योजना शुरु करने की घोषणा की, जिसके अंतर्गत हर जिले में एक गांव को पर्यटन की दृष्टि से विकास के लिए मनरेगा के साथ जोड़ा जाएगा। इस योजना का उद्देश्य पर्यटन गतिविधियों में विविधता लाना तथा ग्रामीण क्षेत्रों की ओर पर्यटकों को आकर्षित करना है। इस योजना में हर जिले से जो एक गांव चयनित किया गया है उनमें चंबा जिला का साहू, कांगड़ा जिला का नेरटी, हमीरपुर जिला का बेला, ऊना जिला का नारी, कुल्लू जिले का शमशार, लाहौल एवं स्पीति जिले का उदयपुर, किन्नौर जिला का ब्रुआ, सिरमौर जिला का संगड़ाह, सोलन जिला का बनिया देवी, शिमला जिला का हेवण, बिलासपुर जिला का सलासी और मण्डी जिला का बागी (सराज) गांव शामिल है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आज से सभी महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क प्रसव सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 75 स्वास्थ्य संस्थानों का चयन किया गया है जिनमें चौबीसों घण्टे निःशुल्क प्रसव की सुविधा उपलब्ध रहेगी। यह चिकित्सा संस्थान प्रदेश के सभी जिलों में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मार्च तक प्रदेश के 150 अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध करवा दी जाएगी। इस योजना के लिए 4 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए 70 नवजात शिशु सुरक्षा इकाइयां और 20 अस्वस्थ नवजात शिशु उपचार इकाइयां स्थापित की जाएंगी जिन पर लगभग 4 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही ‘विद्यार्थी स्वास्थ्य कार्यक्रम’ आरंभ किया जाएगा जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में शुरूआत में ही रोग का पता लगाकर उसकी रोकथाम करना है ताकि भविष्य में यह बीमारी गंभीर रूप धारण न कर सके। इस योजना के अंतर्गत 4 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रो. धूमल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जो स्वतंत्रता प्राप्ति के आठ महीने बाद अस्तित्व में आया, ने विभिन्न क्षेत्रों मंे सराहनीय प्रगति की है। वर्ष 1948 में प्रदेश के अस्तित्व में आने के समय प्रति व्यक्ति आय 248 रुपये थी जो आज बढ़कर 49 हज़ार रुपये से अधिक हो चुकी है। साक्षरता दर 8 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत तक जा पहंुची है। वर्ष 1952-53 में प्रदेश की एक करोड़ रुपये से भी कम की वार्षिक योजना थी जबकि इस वर्ष की वार्षिक योजना 3000 करोड़ रुपये की है। इन तथ्यों से पता चलता है कि इन वर्षांे में हिमाचल प्रदेश ने कितनी तरक्की की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद विगत 30 माह में प्रदेश में विकास की गति तेज की है। लोगों, विशेषकर समाज के कमजोर वर्गांे के सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार के लिए भी अनेक कार्यक्रम आरम्भ किए हैं। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों से समाज के सभी वर्ग लाभान्वित हों तथा आम आदमी को इनका लाभ पहले मिले।

प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि सरकारद्वारा लोगों को जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन की अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए जन समस्याओं के निवारण को प्राथमिकता प्रदान की गई है। प्रदेश के प्रत्येक कोने में ‘प्रशासन जनता के द्वार’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमंे वे स्वयं, मंत्रिगण तथा वरिष्ठ अधिकारी भाग लेते हैं, ताकि लोगांे को अपने छोटे-छोटे कार्य करवाने तथा अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दर-दर न भटकना पड़े। उन्होंने कहा कि इससे सरकार और आम आदमी के बीच की खाई समाप्त हुईं है और यही कारण है कि लोग इस सरकार को अपनी सरकार मानते हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा करसोग में घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिला में गत दो वर्षों के दौरान विकास की गति को तेज किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला में इस अवधि के दौरान सड़कों के निर्माण पर 184 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति, सिंचाई तथा मलनिकासी पर 234 करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि जिला में इस अवधि के दौरान 1320 पॉलीहाउस निर्मित किए गए तथा 48,502 वर्मिंग कम्पोस्ट इकाइयों की स्थापना की गई।

करसोग क्षेत्र में हुए विकास का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के निर्माण पर 20 करोड़ रुपये तथा जलापूर्ति योजनाओं पर 14 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने चुराग में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, बगेला में आयुर्वेद संस्थान खोलने, करसोग में 33 केवी सब स्टेशन, कण्डा, कुन्ही, मैंडी तथा तत्तापानी में वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं खोलने की घोषणा की। उन्होंने गवालपुर, धार-कंडलू, चौरी धार, बलेर तथा साहज में उच्च पाठशालाएं खोलने तथा खड्खान, साराही, सरकोट, शैला तथा माहसरू धार में मिडल स्कूल तथा पथरोन में प्राथमिक पाठशाला खोलने की भी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने करसोग आईटीआई भवन के लिए 95 लाख रुपये तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग में स्टेडियम के लिए 15 लाख रुपये देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने करसोग-कुन्हू सड़क के लिए 20 लाख रुपये, करसोग तथा कण्डी सड़क के लिए 10 लाख रुपये, बलिंडी-कुंडी सड़क के लिए 20 लाख रुपये, जसोल-अलसिंडी सड़क के लिए 18 लाख रुपये, कनला-पिहट सड़क के लिए 20 लाख रुपये तथा ममेल-मैंडी सड़क के लिए 20 लाख रुपये की घोषणा की।

उन्होंने महुंनाग मंदिर परिसर के विकास के लिए 14 लाख रुपये, शिकारी देवी मंदिर परिसर के लिए 21 लाख रुपये तथा कामरू मंदिर परिसर के लिए 6 लाख रुपये देने की घोषणा की।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री जयराम ठाकुर, परिवहन मंत्री श्री महेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री रूप सिंह ठाकुर, विधायक एवं मण्डी जिला भाजपा अध्यक्ष श्री दिले राम, विधायक कर्नल इन्द्र सिंह तथा श्री हीरा लाल, मुख्य सचिव श्रीमती राजवंत संधू, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एस. मन्हास तथा विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण इस अवसर पर उपस्थित थे।